ओपीएस के छात्र-छात्राएं सीख रहे हैं शतरंज…

किशनगंज शतरंज एक अति रोचक अंतरराष्ट्रीय खेल है इस खेल का जनक अपने भारतवर्ष को ही माना जाता है।अपने देश के खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद कुल 5 बार इस जटिल बुद्धिमतापूर्ण खेल में विश्व चैंपियन बन कर अपने देश की प्रतिभा का लोहा पूरे विश्व में मनवा चुके हैं ऐसी पटभूमि में अपने देश में इस खेल को जानने एवं विधिवत सीखने की चाहत तीव्र रूप से परिलक्षित हो रहा है।अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रशिक्षण योजना ‘चेस इन स्कूल’ के तहत यह संघ इच्छुक विद्यालयों में इच्छुक छात्र छात्राओं को लगातार निशुल्क शतरंज प्रशिक्षण मुहैया कर रहा है।ताकि वे इस खेल को सीख कर स्वस्थ मनोरंजन करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में वांछित सफलता भी अर्जित कर सके संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता ने जानकारी दी कि विद्यार्थियों के लिए इस खेल की उपयोगिता को समझते हुए इस विद्यालय के प्राचार्य सरयू मिश्रा पीआरओ आलोक कुमार एवं शैक्षणिक सलाहकार आशुतोष कुमार झा ने वर्ष 2015 मे ही अपने विद्यालय में इस योजना को लागू करने हेतु आमंत्रित किया था।प्राचार्य श्री सरयू मिश्रा का मानना है कि इस खेल के माध्यम से विद्यार्थियों में चिंतन शक्ति धैर्य एकाग्रता तर्कशक्ति आदि की वृद्धि होगी जो उनके अध्ययन कार्य में उत्कृष्टता लाने में सहायक सिद्ध होगा इसलिए पिछले 4 वर्षों से नियमित रूप से इस विद्यालय में इस योजना को संचालित किया जा रहा है।इसका सुखद परिणाम यह है कि यहां के विद्यार्थी सौरभ कुमार जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।इस प्रशिक्षण कार्य के लिए संघ द्वारा प्रतिनियुक्त अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रशिक्षक ‘फिडे इंस्ट्रक्टर’ कमल कर्मकार सोमवार को इस विद्यालय की इच्छुक छात्राओं को इस खेल का प्रशिक्षण दिया प्रशिक्षुओं में शायना नाजिया, सुप्रिया, श्रुति इरम, नौशीन, अमाना अफनान, रोशनी, रुकैया, साफिया, बूश्रम, सना, लमिस, आतिका, रिजवाना, नवेली, इरफाना, स्नेहा, पायल, नेहा, आयशा सहित सैकड़ों छात्राएं शामिल थी।श्री सरयू मिश्रा ने कहा कि इस कार्य को सफल बनाने में विद्यालय के मुख्य अध्यापिका श्रीमती अनामिका कुमारी साहा उपाचार्य हिमांशु कुमार, सिन्हा, शिक्षिका नीलम श्रीवास्तव, शिक्षक गौतम कुमार दास, अविनाश बनर्जी सहित कई अन्य का सदा भरपूर सहयोग प्राप्त होता है।
रिपोर्ट-धर्मेंद्र सिंह