कुश्ती- भविष्य के सितारों को अंतराष्ट्रीय नियमों से रू-ब-रू करा रहा है खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2025

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2025 में कुश्ती के मुकाबले सोमवार को शुरू हुए। खास बात यह है कि ज्ञान भवन में चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान लगातार दो दिन खेलने वाले हर पहलवान को दो बार अपना वजन कराना होगा। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप सहित सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भी ऐसा ही होता है और इसी कारण खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस नियम को लागू जाना भावी खिलाड़ियों के भविष्य के लिए अच्छा माना जा रहा है, जिसके कि भविष्य के सितारे वेइन के समय (जो सुबह 9 बजे के करीब होता है) अपने वजन कटेगरी में बने रहने महत्व को समझ सकते हैं।
ज्ञान भवन में कुश्ती मुकाबलों को पहले दिन सुबह 8 से 9 बजे के बीच फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और 86 किग्रा, ग्रीको रोमन- 55 किग्रा, 67 किग्रा और 97 किग्रा तथा महिलाओं के 57 किग्रा और 68 किग्रा भार वर्ग का वेइन हुआ। इसके बाद इसके क्वालीफिकेशन मुकाबले खेले गए। क्वालीफाईंग की बाधा पार करने वाले खिलाड़ी सोमवार को ही सेमीफाइनल खेलेंगे। आज जिन भार वर्गो का वेइन हुआ, उसका फाइनल मंगलवार को खेला जाएगा। क्वालीफाईंग में फाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ी से हारने वाले खिलाड़ी रेपेचाज खेलेंगे। यही कुश्ती का नियम है।
अब जहां तक खेलो इंडिया यूथ गेम्स की बात है तो 18 साल के कम आयु के पहलवानों के लिए दो बार वेइन की प्रक्रिया से गुजारना उन्हें ऊंचे स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए मानसिक तौर पर तैयार करना है। उदाहरण के तौर पर समझने के लिए अगर 55 किग्रा खिलाड़ी का वजन क्वालीफाईंग के समय इससे 10 ग्राम से भी अधिक हुआ तो वह अयोग्य करार दिया जाएगा। हां, अगर मामूली रूप से कम है तो फिर वह क्वालीफाईंग मुकाबले लिए योग्य है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि वेइन के बाद एक पहलवान क्वालीफाईंग मुकाबले के लिए अपना वजन बढ़ा सकता है लेकिन फाइनल में पहुंचने या रेपेजेज की स्थिति में उसे अगली सुबह फिर 55 किग्रा तक आना ही होगा।
यह नियम खिलाड़ियों के लिए बेशक नया हो सकता है लेकिन वे इसके महत्व से अनभिज्ञ नहीं हैं। तमिलनाडु खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 49 किग्रा भार वर्ग का स्वर्ण जीतने वाली हरियाणा की नैना ने कहा कि जो खिलाड़ी एशियाई खेलों या ओलंपिक को टारगेट कर रहे हैं, उनके लिए यह नियम बहुत जरूरी है।
नैना ने साई मीडिया से कहा, “ दो बार वेइन का नियम दुनिया भर में चलता है और अगर कोई खिलाड़ी ओलंपिक तक जाना चाहता है तो फिर उसके लिए इसे जानना और इस प्रक्रिया से गुजरना बहुत जरूरी है। औऱ फिर बचपन से ही जो आदत बन जाती है, वह हर खिलाड़ी के लिए अच्छा रहता है। शुरुआत में हमें दिक्कत होगी क्योंकि हमें दो बार अपना वेइन की प्रक्रिया से गुजरना होगा लेकिन जब इसकी आदत पड़ जाएगी तो इससे फायदा ही होगा।”
इसी तरह की बात तमिलनाडु खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाले उत्तर प्रदेश के सन्नी बैसला ने कहा, “दो बार वेइन अच्छा है। यही नियम पूरी दुनिया मे मान्य है। यहां इसे लागू किया जाना खिलाड़ियों के हक में है।”
लंबे समय तक भारतीय कुश्ती महासंघ के महासचिव और इंटरनेशनल स्तर के रेफरी वीएन प्रसूद (जो खेलो इंडिया यूथ गेम्स बिहार में कम्पटीशन मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं) मानते हैं कि यह अंतरार्ष्ट्रीय नियम है और इसका सख्ती से पालन किया जाता है।
प्रसूद ने कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन अंतरार्ष्ट्रीय मानकों के आधार पर हो रहा है। हम खिलाड़ियों को उन सभी नियमों से गुजारना चाहते हैं, जिनका सामना उन्हें आगे चलकर करना है। कुश्ती में वेइन एक अहम पड़ाव होता है और खिलाड़ियों को पता होना चाहिए कि वेइन (दोनों दिन) के समय उन्हें किसी भी हाल में अपने वेट कटेगरी में बने रहने, अन्यथा वह अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं।”
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