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महिला सशक्तिकरण की मिसाल बना किशनगंज: महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने साझा किए सफलता के अनुभव

किशनगंज,31मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने के लिए “महिला संवाद कार्यक्रम” का आयोजन जोर-शोर से किया जा रहा है। जिले के सभी सात प्रखंडों में प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शनिवार को आयोजित कार्यक्रमों में सदर प्रखंड के चकला, दिघलबैंक के तुलसिया, कोचाधामन के काठामाठा, ठाकुरगंज के कुकुरबाघी, पोठिया के डुबानोची, टेढ़ागाछ के कालपीर तथा बहादुरगंज के झिलझिली पंचायत में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

अनुभव साझा कर रहीं महिलाएं

कोचाधामन प्रखंड की तेघरिया पंचायत की परमवती देवी ने बताया कि वे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय डेरामारी में “दीदी की रसोई” में काम करती हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर मिली इस नौकरी से उन्हें मासिक मानदेय प्राप्त हो रहा है, जिससे उनका परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है। अब वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा-लिखा पा रही हैं।

पोठिया प्रखंड की डुबानोची पंचायत की फलानी सिंह ने बताया कि वे “पायल जीविका स्वयं सहायता समूह” से जुड़ी हैं और समूह से ऋण लेकर पशुपालन का कार्य कर रही हैं। दूध और बकरी की बिक्री से उन्हें नियमित आमदनी हो रही है।

इसी पंचायत की देबोकी देवी ने भी साझा किया कि वे “आरती जीविका समूह” से जुड़कर पशुपालन कर रही हैं और दूध की बिक्री से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।

ऑडियो-वीडियो के माध्यम से योजनाओं की जानकारी

कार्यक्रम में जागरूकता वाहन के माध्यम से ऑडियो-वीडियो के जरिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। महिलाएं योजनाओं से लाभ लेकर आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

आकांक्षाओं और सुझावों को किया जा रहा सूचीबद्ध

कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि महिलाओं की स्थानीय और नीतिगत आकांक्षाएं, सुझाव सुने जाएं और उन्हें सूचीबद्ध किया जाए। इन सुझावों के आधार पर भविष्य में योजनाएं तैयार की जाएंगी, ताकि महिलाओं की आवश्यकताओं के अनुरूप नीतिगत हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।

महिला सशक्तिकरण से समाज में बदलाव

महिला संवाद कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज में बदलाव की प्रेरणा भी बन रही हैं। कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों, जीविका समूहों और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है।

जिला प्रशासन द्वारा सभी महिलाओं से अपील की गई है कि वे इन संवाद कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करें और योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं। महिलाओं के अनुभवों से न केवल अन्य महिलाएं प्रेरित होंगी, बल्कि योजनाओं को और अधिक सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी।

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