*व्यवस्था बीमार कौन करे ईलाज*
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गुड्डू कुमार सिंह:-आरा/पीरो। अकरूआँ गाँव में बीती रात पीरो पुलिस द्वारा शराब के खिलाफ छापेमारी की गई थी।इसी को लेकर आज अहले सुबह शराब माफिआओं द्वारा जय प्रकाश सिंह के दरवाजे पर पहुँच सूचना देने का आरोप मंढ जय प्रकाश सिंह के परिजनो को जमकर लाठी ठडें व राईफल व दोनाली बंदूक से जमकर मारपीट की गई ,जिसमे अकरूआँ गाँव निवासी 65 वर्षीय जय प्रकाश सिंह 35 वर्षीय दिपक कुमार 28 वर्षीय विकास बुरी तरह जख्मी हो गये है ।जिन्हे ईलाज के लिए ग्रामीणों के सहयोग सें परिजन सुबह 07बजे सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र पीरो पहुंचे ।जहाँ ईलाज के लिए कोई डा० या कम्पाऊडर उपल्ब्ध नही थी ।जिसकी सूचना परिजनो द्वारा अपने पंचायत के मुखिया प्रतिनिधी राजीव सिंह व लोक जन शक्ति पॉटी के जिला प्रधान गोल्डी सिंह को दि गई। मुखिया प्रतिनिधी राजीव सिंह व लोजपा नेता गोल्डी सिंह के अस्पताल पहुँचने के बाद वहाँ उपस्थित कर्मियो में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया।जिसकी सूचना जरनेटर चालक इस्तेखार द्वारा अस्पताल प्रबधन को दि गई । वर्तमान प्रभारी डा० रवि कुमार ट्रैनिंग के लिए गया गए हुए है और डा० प्रियरंजन प्रभार में है ।आज डा० उत्कर्ष की डियूटी थी ।लेकिन डा० उत्कर्ष डियूटी नही पहुँचे थे।डा० की उपस्थिति नही होने के कारण जख्मी के परिजनों में अंसतोष बढ रहा था ।करीब 10 बजे मुखिया प्रतिनिधी राजीव सिहं द्वारा पीरो अस्पताल के कुव्यवस्था के बारे जानकारी उपलब्ध कराई गई।इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा तुरन्त व्यवस्था कराने का अश्वासन दिया गया। जरनेटर ऑपरेटर की सूचना पर करीब 10:40 में डा० प्रियरंजन भागे भागे पीरो अस्पताल पहुंचे जहाँ उन्हे परिजनो से लेट आने के कारण पर कहा सुनी हुई और डा० प्रियरंजन वहां से यह कहकर चले गए की हमारी ड्यूटी नही । 11 बजे तक ईलाज के लिए तड़पते रहे जख्मी ,कौन करे ईलाज जहाँ खुद व्यवस्था हो बीमार। इसी दौरान सिविल सर्जन द्वारा इस मामलें में हस्तक्षेप कर डा० को अस्पताल पहुँचने को कहा गया और करीब 40 मीन्ट के अन्तराल में करीब 11:50 में पीरो अस्पताल पहुँचे ,जहॉं डा० और प्रतिनिधीयों से नोक झोक होती रही ।काफी मान मनौवल के बाद डा० प्रियरंजन के सहयोग सें करीब 12 बजे सभी जख्मियों का प्राथमिक ईलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए आरा रेफर कर दिया गया।इस मामले में सिविल संर्जन सें जानकारी लेनी चाही कि आये दिन ऐसी स्थिति उत्पन्न होती रहती है तो उन्होने कहा की हम ङा० पैदा करे ,डा० हइये नही है तो कहां से लाए डाक्टर