रांची : आइएचएम रांची में डिजिटल दुनिया में संस्कृति एवं पारंपरिक व्यंजन…विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हो गया। समापन समोरह की शुरूआत मुख्य अतिथियों एवं संस्थान के प्राचार्य डा. भूपेश कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलन तथा झारखंड राज्य की कला-संस्कृति, परंपराओं को दर्शाते हुए संस्थान के छात्रों द्वारा प्रस्तुत झूमर नृत्य से हुई। प्राचार्य ने सभी अतिथि का अभिनंदन किया। साथ ही सम्मेलन के पेपर प्रस्तुतकर्ताओं के बीच सर्टिफिकेट का वितरण किया।
सम्मेलन के सभी अतिथियों को एग्रो पर्यटन के लिए कर्रा स्थित द ओपन फील्ड फार्म ले जाया गया। यहां सभी को झारखंड के पारंपरिक व्यंजन और पारंपरिक खेती से रूबरू कराया गया। सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डा. आशीष दहिया द्वारा आभासी दावतें : भारत की विविध गैस्ट्रोनोमिक परंपराओं को इंगित करती प्रस्तुति दी गई। जिसमें देश के पर्यटन, पाक-कला, पर्यटन से जीडीपी योगदान, शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए भोजन में आयुर्वेद की अवधारणा का भी उल्लेख किया गया। पर्यटन स्थलों, लोकप्रिय स्थलों, आध्यात्मिक स्थलों, विरासत स्थलों फूड व्लागिंग का बढ़ना, आनलाइन भोजन वितरण, सांकेतिक भाषा के साथ भोजन का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकते हैं, के बारे भी जानकारी दी गई। देश में डिजिटल परिवर्तन, प्रमुख होटल श्रृंखला, लोकप्रिय खाद्य श्रृंखला के साथ साथ दुनिया को भारत के भोजन और संस्कृति को पहचानने जैसे विषयों पर अपने विचार प्रकट किए गए।
मुख्य वक्ता के रूप में डा. मास्टर शेफ लारेंस गोम्स द्वारा भारतीय पाककला और व्यंजन के मूल्य शीर्षक पर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने छोटे-छोटे काम को बड़े पैमाने पर करने और पाक कला में प्रस्तुति कितनी महत्वपूर्ण है, के बारे जानकारी दी। उन्होंने दुनिया देखने से पहले भारतीय कला-संस्कृति, व्यंजन देखने तथा स्थानीय ठेले वालों से सीखने पर जोर दिया।
समारोह में ये रहे उपस्थित :
सम्मेलन के समापन समारोह अतिथियों में सतवीर सिंह, डा. आलोक प्रसाद, अश्वनी कुमार, डा. एससी बागरी, डा. मास्टर शेफ लारेंस गोम्स, कमलकांत पंत, राजा साधुखान, डा. भुवन जीएम, ब्रजेश गुप्ता, आशीर्वाद प्रहराज, अजय कुमार साहू, डा. अभिनव शांडिल्य, संदीपन विश्वास, डा. नृपेंद्र लिंगवाल, शाकेश सिंह, मृत्युंजय शर्मा समेत अन्य उपस्थित रहे।