*संसदीय व्यवस्था को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने में नेवा अधिक कारगर – माननीय सभापति अवधेश नारायण सिंह*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार विधान परिषद् के माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का सदुपयोग कर परिषद् के सदस्यगण जनहित से जुड़े अधिक विषयों को सदन में उठा पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि पूरे देश में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन्स (नेवा) सबसे पहले बिहार विधान परिषद् में ही लागू हुआ और पारदर्शी संसदीय व्यवस्था के लिए सरकार के मंत्री एवं परिषद् के सदस्यगण इसका खूब उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिषद् में अल्पसूचित एवं तारांकित प्रश्न, ध्यानाकर्षण, शून्यकाल, सदस्यों के गैर सरकारी संकल्प, कार्य स्थगन और निवेदन आदि डिजिटल माध्यम से ही परिषद् सचिवालय द्वारा लिया जाता है। अब संसदीय कार्यों में कागज का उपयोग नाममात्र ही हो पाता है। उन्होंने कहा कि सदन में सदस्यों की सीट पर लगाए गए टैब को नए सिरे से व्यवस्थित करने तथा अद्यतन निर्मित उपकरण लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। नीति आयोग के निर्देश पर और भारत सरकार की संसदीय कार्य मंत्रालय की अनुशंसा पर ‘ग्राम’ की चार सदस्यीय समिति परिषद् में नेवा का मूल्यांकन करने हेतु आई है। यह 2 से 6 दिसम्बार, 2024 तक परिषद् में नेवा के विभिन्न उपयोगकर्त्ता से साक्षात्कार करेगी। इस क्रम में समिति द्वारा आज माननीय सभापति का साक्षात्का्र लिया गया, सदन वेश्म् का अवलोकन किया गया एवं प्रश्न शाखा के अधिकारियों से विमर्श किया गया। इस समिति द्वारा परिषद् के सदस्यगण, पदाधिकारीगण, नेवा का उपयोग करने वाले संसदीय शाखाओं के साथ-साथ राज्य सरकार के सी.पी.एम.यू. के सदस्यगण, कुछ विभागों के नेवा नोडल अधिकारियों से विमर्श भी करेगी। समिति में ग्रासरूट रिसर्च एंड एडवोकेसी मूवमेंट (ग्राम) की उप निदेशक (शोध) डॉ. अनन्या समझदार, डॉ. श्वेता ऋचा, डॉ. नवीन कुमार और अमित दुबे हैं। नेवा मूल्यांकन में परिषद् में नेवा के नोडल अधिकारी भैरव लाल दास, सहायक प्रोग्रामर सैयद सआदत नजीर आदि सहयोग कर रहे हैं।