समाहरणालय सभा कक्ष में ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।…
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)* की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि कुछ ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने अपना घर पूर्ण कर लिया है लेकिन उन्हें अब तक तृतीय किस्त की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। जमुई जिला में ऐसे लाभार्थियों की संख्या 1000 से ऊपर है। माननीय मंत्री ने समीक्षा के क्रम में यह भी पाया कि जमुई जिला में 117 ऐसे लाभार्थी हैं जिन्होंने अपना आवास पूर्ण कर लिया है लेकिन उन्हें अब तक द्वितीय किस्त की राशि का भी भुगतान नहीं हुआ है। माननीय मंत्री ने इस पर कड़ा निदेश दिया कि ऐसे लाभार्थियों को एक सप्ताह के अंदर भुगतान करें। यदि कोई तकनीकी बाधा भी आती है तो उसे दूर कर निश्चित रूप से ऐसे लाभार्थियों को तृतीय किस्त एवं 117 लाभार्थी को द्वितीय एवं तृतीय किस्त की राशि का भुगतान निश्चित रूप से कर दें।
समीक्षा के क्रम में माननीय मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। यहां लोगों के पास संसाधनों की कमी है। उन्हें हर संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाता है। प्रखंड विकास पदाधिकारी को मा. मंत्री ने विशेष रूप से निदेशित किया कि ऐसे अनुसूचित जनजाति के परिवारों को आवास योजना से आच्छादित करें। जिनका नाम सूची में नहीं है उनका नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी स्वयं तैयार करें। उन्हें संसाधन से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जीविका के प्रतिनिधियों को भी निदेशित किया गया। ऐसे श्रेणी के लोगों को जीविका से जोड़ें तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएं। मनरेगा के पीओ को भी निदेशित किया गया कि अनुसूचित जनजाति के परिवारों को निश्चित रूप से मनरेगा से काम उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।
*लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान* की समीक्षा के क्रम में माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि सामुदायिक शौचालय का निर्माण निश्चित रूप से हो। जिन परिवारों के पास जमीन नहीं है उन्हें सामुदायिक शौचालय से आच्छादित करें। माननीय मंत्री ने कहा कि जिनके पास ना तो जमीन है और ना ही शौचालय है ऐसे लोगों की सूची 15 दिनों के अंदर बनाकर और एक कार्य योजना बनाकर सामुदायिक शौचालय की सुविधा उन्हें उपलब्ध कराएं। अनुसूचित जनजाति के परिवार को सतत जीविकोपार्जन योजना से भी जोड़ने का उन्होंने निदेश दिया।
माननीय मंत्री ने कहा कि जल जीवन हरियाली के अंतर्गत तालाब, कुआं एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण एवं उसके उद्धार करना मा. मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की परिकल्पना है। इससे न केवल जलस्तर ऊपर उठेगा बल्कि तालाब के निर्माण एवं उनके उद्धार से एक तो जल संचयन होगा दूसरी ओर धार्मिक कार्यों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
*सोखता एवं कुआं निर्माण* के कार्य का भी मा. मंत्री द्वारा समीक्षा की गई तथा पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि समय-समय पर आप इस कार्य का निरीक्षण करें एवं गाद तथा पौधों की सफाई करवा दें। अंदर तक प्लास्टर का कार्य हो इस पर विशेष ध्यान रखा जाए। सोखता में छिद्रदार दीवार हो और इसमें मिट्टी से नहीं बल्कि बालू से भराई का कार्य करावें।
समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त तथा ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित जिला स्तरीय एवम् प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।