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किशनगंज : जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में साप्ताहिक बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर हुई चर्चा, दिये गये जरूरी दिशा-निर्देश।

जिले के सभी क्षेत्रो में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार का किया जा रहा है प्रयास।

  • आम लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच करायें सुनिश्चित-सिविल सर्जन

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर विशेष मुहिम को ज्यादा कारगर व असरदार माना जा रहा है। मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के आदेश के आलोक में जिले के वरीय प्रशासनिक व स्वास्थ्य अधिकारियों की अध्यक्षता में सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित कर संस्थागत प्रसव, प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं की पहचान व गर्भवती महिलाओं का चौथा एएनसी जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों से विस्तृत चर्चा करते हुए जरूरी दिशा निर्देश दिये गये। स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता की रणनीति ड्यू लिस्ट पर चर्चा, परिवार नियोजन पखवाड़ा से जुड़ी उपलब्धियों की समीक्षा, अनमोल एप के सफल क्रियान्वयन के साथ चिकित्सा इकाईयों में साफ-सफाई के बेहतर प्रबंधन की गहन समीक्षा की गयी। इसके साथ ही बेहतर कार्य करने वाले एएनएम को चिह्नित कर उन्हें पुरस्कृत करने के साथ-साथ टीकाकरण सहित अन्य मामलों पर चर्चा करते हुए निर्धारित अवधि में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति का मामला मंगलवार को स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित एएनएम की बैठक में प्रमुखता से छाया रहा। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार, समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक सेवाओं की पहुंच, लाभुक व सेवाप्रदाता के बीच बेहतर समन्वय व विश्वास का माहौल पैदा करना हर कदम बढ़ते कदम अभियान का प्राथमिक उद्देश्य है। इसके लिये वीएचएसएनडी सत्र का सफल क्रियान्वयन जरूरी है। प्रत्येक सत्र पर सभी लाभुकों को सेवा उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है। प्रति सत्र चार-चार गर्भवती महिलाओं को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ एएनसी जांच सुनिश्चित कराया जाना है। प्रति सत्र दो प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित किया जाना है। कम से कम 05 योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन संबंधी उपलब्ध विकल्पों के प्रति जागरूक करना, किशोरों को अल्बेंडाजोल, आईएफए की दवा वितरण, पोषक क्षेत्र के कम से कम 15 लोगों को ओपीडी की सेवा मुहैया कराना है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समीक्षा बैठक में कहा कि वेलनेस सेंटर गैर संचारी रोगों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का नियमित संचालन, योग व मेडिटेशन संबंधी गतिविधि, ओपीडी व एनसीडी सेवा के तहत अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराया जा सकता है। उन्होंने बढ़ते ठंड को देखते हुए हाइपरटेंशन व डायबिटीज के मरीजों की समुचित निगरानी सहित हृदय रोग, कैंसर रोग के स्क्रीनिंग को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शुरुआती लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान व इसके उपचार में वेलनेस सेंटर की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने सभी वेलनेस सेंटर पर हर दिन कम से कम 40 ओपीडी व 10 एनसीडी जांच का सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समीक्षा बैठक को संबोधित करते कहा की आरोग्य दिवस के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण कराने के लिए आई गर्भवती एवं धातृ माताओं को परिवार नियोजन को लेकर भी जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने ने बताया कि वर्तमान समय मे जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए, साथ ही साथ बच्चा पैदा करने के साथ ही तुरंत पुनः प्रेग्नेंसी की समस्याओं से बचाव के लिए गर्भवती, व धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की विभिन्न संसाधनों यथा, कन्डोम, माला डी, अंतरा, कॉपर टी, एवं नसबंदी, जैसे परिवार नियोजन के स्थायी व अ स्थायी साधनों की जानकारी दी गईं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सतर्कता और सावधानी की जानकारी दी गई और सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व जाँच कराने, गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत जाँच कराने, एनीमिया प्रबंधन, कोविड टीकाकरण समेत अन्य आवश्यक जानकारी भी दी गई। वहीं, उन्होंने बताया, विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए बचो को नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसलिए, सभी योग्य लाभार्थियों को निश्चित रूप से टीकाकरण कराना चाहिए।

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