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*केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने पूर्वी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन की अध्यक्षता की*

*हर समय, सभी के लिए बिजली: श्री मनोहर लाल*

मनीष कुमार कमलिया/मंगलवार को पटना में केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में श्रीपद येसो नाइक, राज्य मंत्री (विद्युत और नवीन ऊर्जा), श्री कनक वर्धन सिंह देव, उपमुख्यमंत्री, ओडिशा, श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार, और श्री सुदीव्य कुमार, शहरी विकास और आवास मंत्री, झारखंड शामिल हुए। केंद्रीय विद्युत सचिव, राज्यों के विद्युत/ऊर्जा सचिव, केंद्रीय और राज्य बिजली इकाइयों के प्रमुख, और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की बिजली प्रणाली एक राष्ट्रीय ग्रिड बन चुकी है, जो ‘एक राष्ट्र-एक ग्रिड’ के दृष्टिकोण को साकार करता है। उन्होंने एक आधुनिक और वित्तीय रूप से मजबूत बिजली क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया। भारत ने मई 2024 में 250 गीगावाट और 2025 में 242 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग को पूरा किया। इस साल के अंत तक मांग 270 गीगावाट तक पहुंच सकती है। यह दर्शाता है कि भारत अब बिजली की कमी से मुक्त होकर आत्मनिर्भर बन गया है। उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग की आवश्यकता बताई।

श्री मनोहर लाल ने राज्यों से भविष्य की मांग, जो 2034-35 तक 446 गीगावाट तक पहुंच सकती है, को पूरा करने के लिए संसाधन योजनाएं तैयार करने को कहा। इसमें परमाणु, नवीकरणीय और अन्य स्रोतों से बिजली उत्पादन का संतुलित मिश्रण शामिल होना चाहिए। प्रत्येक राज्य में कम से कम एक परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करने पर विचार करने का सुझाव दिया गया। राज्यों को अंतराज्यीय संचरण परियोजनाओं की समस्याएं, जैसे रास्ते का अधिकार, हल करने और 2025-26 के बजट में दिए गए 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त ऋण का उपयोग करने की सलाह दी गई।

उन्होंने ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 2014 में 32% से बढ़कर अप्रैल 2025 में 49% हो गया है। 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है। बिजली ग्रिड को साइबर खतरों से बचाने के लिए आइलैंडिंग योजनाएं लागू करने की सलाह दी गई।

वितरण क्षेत्र को बिजली क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए, श्री मनोहर लाल ने कहा कि 2032 तक इस क्षेत्र को 42 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। राज्यों को बिजली हानियों और लागत-राजस्व अंतर को कम करने, लागत-आधारित टैरिफ लागू करने, और समय पर टैरिफ आदेश सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। स्मार्ट मीटर्स से उपभोक्ताओं और यूटिलिटियों के बीच संचार बेहतर होगा। अगस्त 2025 तक सरकारी कार्यालयों और कॉलोनियों में, और नवंबर 2025 तक वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए प्री-पेड स्मार्ट मीटर्स लगाने का लक्ष्य रखा गया।

केंद्रीय मंत्री ने बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और कहा कि हम सब मिलकर ‘हर समय, सभी के लिए बिजली’ सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्यों से एक परमाणु संयंत्र स्थापित करने और संचरण परियोजनाओं में वन स्वीकृति की समस्याओं पर विचार करने का अनुरोध किया।

राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने पीएम कुसुम योजना को दिसंबर 2025 तक पूरा करने और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को तेजी से लागू करने का आग्रह किया। विद्युत सचिव ने सभी का स्वागत किया और बिजली क्षेत्र की चुनौतियों पर सामूहिक विचार-विमर्श का आह्वान किया। उन्होंने भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन और संचरण क्षमता बढ़ाने, साइबर सुरक्षा लागू करने, और वितरण यूटिलिटियों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी।

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