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बिहार राज्य के सभी जिलों के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत बिहार सरकार ने जारी किया छः सौ तीन करोड़ रूपए की स्वीरकृति।..

श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, श्री श्रवण कुमार ने बताया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के कार्यो के निष्पादन हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए छः सौ तीन करोड़ रूपया बिहार सरकार ने विमुक्त किया है।

बिहार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं लोहिया स्वच्छता को मिलाकर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान कार्यान्वित हो रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्री, श्री श्रवण कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत केन्द्र प्रायोजित योजना “स्वच्छ भारत मिशन” (ग्रामीण) के अन्तर्गत सभी बी.पी.एल. परिवारों तथा चिन्हित श्रेणी के ए.पी.एल. परिवारों यथाः अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वासभूमि के साथ भूमिहीन मजदूर, लघु एवं सीमांत किसान, महिला प्रधान परिवार एवं शारीरिक रूप से विकलांग को घरेलु शौचालय के उपयोग एवं हाथ धोने हेतु जल संधारण की व्यवस्था के साथ घरेलु शौचालय के निर्माण हेतु केन्द्रांश मद में रू0 7,200/- तथा राज्यांश मद में रू0 4,800/- अर्थात् कुल रू0 12,000/- प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है।

विमुक्त किए गए राशि से लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण में चल रहे कार्यों का निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण में ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबन्धन का कार्य चल रहा है। इस कार्य के तहत

डब्ल्यू0पी0यू0 अवशिष्ट प्रसंस्करण युनिट का निर्माण किया जा रहा है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर कुड़ा उठाव का कार्य किया जा रहा है।
बिहार सरकार के मुखिया श्री नीतीश कुमार गाँवों को स्वच्छ एवं समृद्ध बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं। इस दिशा में तेजी से काम करते हुए एक तरफ जहाँ जीविका के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में कार्य किया जा रहा है तो दूसरी तरफ लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत स्वच्छ एवं निर्मल गाँव के निर्माण के लिए कार्य हो रहा है।

ग्रामीण विकास मंत्री, श्री कुमार ने यह भी बताया कि भूमिहीन परिवारों विशेषकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवारों एवं अस्थायी आबादी को शौचालय की शुलभता उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया है। अब तक राज्य में नौ हजार सात सौ सोलह सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

 

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