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किशनगंज : लक्ष्य योजना के तहत केंद्रस्तरीय टीम ने दुसरे दिन किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, अधिकारियों ने एक-एक बिंदु पर की जांच

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, लक्ष्य योजना के तहत चयनित सदर अस्पताल का केन्द्रीयकृत लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण केंद्रस्तरीय सदस्यीय टीम ने दुसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान टीम ने प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर का जायजा लिया। टीम ने एक-एक बिंदु पर जांच की। वहां मौजूद डॉक्टर व कर्मियों से पूछताछ की गयी। टीम ने शुक्रवार एवं शनिवार दो दिनों तक जांच की। इस क्रम में टीम ने प्रसव कक्ष व ऑपरेशन थियेटर में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। राष्टीय गुणवता जांच के सदस्य डॉ आई के खोखर ने बताया कि योजना के तहत चयनित अस्पताल की तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है। सदर अस्पताल की जांच पहले जिला एवम् राज्य स्तरीय टीम करती है। फिर केंद्र स्तरीय टीम जांच करती है। विदित हो की सदर अस्पताल को राज्स्तारिय लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त हो चूका है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय दल ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दल ने भारत सरकार के लक्ष्य योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। राष्टीय गुणवता जांच के सदस्य डॉ आई के खोखर ने बताया संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफ़ी बढ़ोतरी हुई है क्योंकि लक्ष्य कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया है। लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण के लिए 362 मानकों (इंडिकेटर) की जांच की जाती है। जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कॉंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल हैं। इन सभी आठों इंडिकेटर्स का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर) ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) एवं क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता है और यह देखा जाता है कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं।प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जा रहा है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधा को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है तो वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता। इन सभी को श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दी जाती है। सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण को आये राष्टीय गुणवता जांच के सदस्य डॉ आई के खोखर ने बताया कि सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों का बारीकी के साथ निरीक्षण किया गया। प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक फाइलों की गहन जांच की गयी। अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। लेबर रूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई। इसके लिए जीएनएम को बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह होता है कि प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए एसएनसीयू की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

इन मानकों पर तय किया जाता हैं पुरस्कार:

  • अस्पताल की आधारभूत संरचना साफ-सफाई एवं स्वच्छता।
  • जैविक कचरा निस्तारण।
  • संक्रमण रोकथाम।
  • अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली।

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भारत सरकार ने लक्ष्य योजना शुरू की है। इसके जरिये लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में प्रसूता को आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। लक्ष्य टीम के निरीक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। इससे अस्पताल के लेबर रूम और आपरेशन थियेटर में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी नई तकनीकी का प्रयोग किया जा सके। जच्चा और बच्चा का पूरा ध्यान रखा जा सके। लक्ष्य योजना की टीम ने सदर अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा। खासतौर से लेबर रूम और आपरेशन थियेटर को देखा गया। टीम का निरीक्षण संतोषजनक रहा है। निरीक्षण के मौके पर केंद्रीय टीम की डॉ आई के खोखर द्वारा जांच की जा रही थी। जांच के दौरान दौरान लेबर रूम इंचार्ज ए ग्रेड नर्स शिप्रा भट्टाचार्य, उषा कुमारी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर आलम, महिला चिकित्शिका डॉ उर्मिला, जिला योजना समन्वयक विस्वजित कुमार, अस्पताल प्रबंधक बसंत कुमार मौजूद रहे।

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