जातीय गणना से भाजपा को अपने राजनीतिक नुकसान की चिंता सता रही है – उमेश सिंह कुशवाहा।…
त्रिलोकी नाथ प्रसाद-बिहार प्रदेश जनता दल (यू0) के अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि जातीय गणना को राजनीतिक नफा-नुकसान के नजरिए से देखना भाजपा और उसके सहयोगियों की कुंठित मानसिकता को प्रदर्शित करता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस बात को कोई नकार नहीं सकता है कि आजादी के 76 बरस पूरे होने के बाद भी हमारे समाज में आर्थिक और सामाजिक असमानता चरम पर है और इस असमानता को खत्म करने के लिए जातीय गणना की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ जो भी राजनीतिक दल बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातीय गणना से सन्तुष्ट नहीं हैं वह केंद्र सरकार से देशभर में जातीय जनगणना करवाने की मांग करें। इससे उनका संदेह दूर हो जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की सोच सत्ता की परिधि तक ही सीमित है इसलिए उसे श्री नीतीश कुमार के जनकल्याणकारी प्रयासों में भी अपने राजनीतिक नुकसान की चिंता सताती है। गरीबों के प्रति सहानभूति रखने वाला कोई भी राजनीतिक दल जातीय गणना का विरोधी नहीं हो सकता है। चुकी भाजपा अमीरों की पार्टी है लिहाजा उसे जातीय गणना से असहाय पीड़ा हो रही है। जातीय गणना पर भाजपा के रुख से यह स्पष्ट है गया कि मोदी सरकार द्वारा गरीब कल्याण की बात केवल देश की जनता को भरमाने का एक जुमला है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले दिनों में जातीय गणना सामाजिक क्रांति का व्यापक रूप लेगा। देशभर की जनता अब इसको लेकर मुखर हो रही है। आजादी के बाद सामाजिक न्याय को पुर्नस्थापित करने की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम है। हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इसके साक्षी बन रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश के बड़े-बड़े समाजवादी नेता जिस कार्य के लिए हिम्मत नहीं जुटा सके उस कार्य को श्री नीतीश कुमार ने चंद महीनों में निपटा दिया। जातीय गणना आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होगा।