राजनीति

चरवाहा विद्यालय वाले कभी छात्रों और युवाओं का भला नहीं कर सकते – उमेश सिंह कुशवाहा

जब भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए क्रांति हुई तो अग्रिम पंक्ति में नौजवान खड़े रहे - वशिष्ठ नारायण सिंह।

मुकेश कुमार/शनिवार को प्रदेश कार्यालय, पटना स्थित कर्पूरी सभागार में जद (यू0) छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों, विश्वविद्यालय अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों, प्रखंड एवं नगर अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में छात्रों के हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया तथा संगठन के विस्तार और मजबूती पर विशेष जोर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री राधेश्याम ने की।

बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जब भी छात्रों ने संकल्प लिया है, उन्होंने समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है। आजादी के आंदोलन से लेकर लोकनायक जेपी के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति तक, छात्रों ने अपनी शक्ति का प्रभावी प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी क्षमताओं को पहचानकर विकसित बिहार के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अपनी कुशल कार्यक्षमता से बीमारू बिहार को विकासशील बिहार में बदलने का कार्य किया है। विशेष रूप से छात्रों और युवाओं को हर स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। रोजगार और नौकरी के अवसर प्रदान करने के मामले में बिहार आज देशभर में अग्रणी राज्य बना हुआ है। साथ ही, उन्होंने राजद पर तंज कसते हुए कहा कि चरवाहा विद्यालय चलाने वाले कभी भी युवाओं का भला नहीं कर सकते।

पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जब भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए क्रांति हुई है तो अग्रिम पंक्ति में नौजवान ही खड़े रहे हैं। ब्रिटिश शासन से मुक्ति के संघर्ष के दौरान नौजवानों का जोश और जज्बा इस नारे में झलकता था ‘कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, यह जिंदगी है कौम की, कौम पर लुटाए जा। आजादी के बाद परिस्थितियां बदलीं, लेकिन चुनौतियां खत्म नहीं हुईं। तब एक नया नारा गूंजा ‘तीर पर कैसे रुकूँ

मैं, आज लहरों में निमंत्रण है।’ इसका संदेश था कि देश के सामने समस्याओं का अंबार है, इसलिए रुकना नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि छात्र और नौजवान ही हर परिवर्तन के असली वाहक होते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद बिहार के हिस्से में केवल मिट्टी और बालू आया, लेकिन माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने उसी मिट्टी और बालू से बिहार को नया स्वरूप देने का कार्य किया।

विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता एवं पार्टी के कोषाध्यक्ष श्री ललन कुमार सर्राफ ने कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं को जंगलराज के काले अध्याय से अवगत होने की आवश्यकता है। राजद के शासनकाल में शिल्पी-गौतम और चंपा विश्वास कांड जैसे घटनाक्रमों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब वही लोग माई-सम्मान योजना के नाम पर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलईडी के युग में लालटेन युग की मानसिकता रखने वालों की मंशा कभी सफल नहीं होगी।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि छात्रों को वैचारिक रूप से सशक्त होना आवश्यक है, क्योंकि राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी नई पीढ़ी के कंधों पर होती है। विकसित बिहार के निर्माण को गति देने के लिए युवाओं को एकजुट होकर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार उपहास का केंद्र बन चुका था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राज्य के मान-सम्मान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

माननीय विधान पार्षद एवं मुख्य प्रवक्ता श्री नीरज कुमार ने कहा कि भावी पीढ़ियों को जाति और धर्म की संकीर्णता से ऊपर उठकर समाज निर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प लेना होगा। साथ ही झूठ फैलाने वालों से सचेत रहना है और उन्हें पुरोजर तरीके से जवाब देना है।

बैठक में मुख्यरूप से माननीय विधानपार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बैद्यनाथ प्रसाद विकल, प्रकोष्ठों के प्रभारी प्रो0 नवीन आर्य चंद्रवंशी, जनाब नजम इकबाल, श्री मोहित प्रकाश एवं जनाब शादाब आलम सहित कई नेतागण मौजूद रहे।

 

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