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महिला सशक्तिकरण के शानदार 19 वर्ष-राजीव रंजन

मुकेश कुमार /जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव द्वारा प्रस्तावित यात्रा पर सवाल ख्ज्ञउ़े किए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सुशासन के कार्यक्रमों के केंद्र में सदैव महिला सशक्तिकरण रहा है ।

श्री प्रसाद ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए बाल विवाह, दहेज प्रथा, विधवा प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु न सिर्फ़ वैधानिक प्रावधानों को दृढ़ता के साथ लागू किया गया बल्कि इनसे पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास एव कल्याण के लिए अनेक योजनाएं भी चलाई गईं ।

श्री प्रसाद ने कहा कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण लागू करने के साथ ही पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को भी सुनिश्चित किया गया ।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास, सशक्तिकरण एवं गरीबी उन्मूलन के लिए 2007 में जीविका को आरंभ किया गया। इस पहल का अनुकरण अनेक राज्य कर रहे हैं । इसके साथ ही प्राथमिक शिक्षक नियोजन में भी महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया। साथ ही प्रजनन दर में भी 4.3 प्रतिशत के मुकाबले 2.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई । साथ ही मुख्यमंत्री पोशाक योजना, हुनर एवं औजार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, बालिका इंटरमीडिएट एवं स्नातक प्रोत्साहन योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, महिला उद्यमी योजना समेत अनेक योजनाओं के माध्यम से बिहार महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है ।
महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राज्य के सभी 38 जिलों में महिला थाने लगातार सक्रिय हैं ।
श्री प्रसाद ने कहा कि इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम आने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। 2011 के जनगणना के आधार पर महिला साक्षरता दर में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई । राज्य में पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी का अनुपात पूरे देश में सबसे ज्यादा है और महिलाओं के उत्पीडन की घटनाओं में शराबबंदी जैसे युगांतकारी क़ानून के कारण गुणात्मक कमी हुई है ।

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