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आदिवासियों को बौद्धिक रूप से अपनी लड़ाई लड़ने की आवश्यकता – शिल्पी नेहा तिर्की

नवेंदु मिश्र

रांची – मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने कभी लाठी-काठी और तीर-धनुष से अपनी लड़ाई को लड़ा लेकिन अब बदले हुए समय के अनुरूप, वर्तमान में हम आदिवासियों को अपनी लड़ाई बौद्धिक रूप से अपनी लड़ाई लड़ने की जरूरत है. श्रीमती तिर्की ने कहा कि आज शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है जिसका उपयोग कर हम अपनी कमियों-कमजोरियों को दूर कर सकते हैं.
आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मांडर पल्ली के द्वारा आयोजित समारोह में अपने संबोधन में श्रीमती तिर्की ने सभी से आह्वान किया कि सभी आपसी एकजुटता बरकरार रखते हुए हमेशा आगे बढ़ें और एक-दूसरे की हमेशा सहायता करें. आज के समारोह में सबसे पहले जुलूस निकालकर विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत की गयी जिसमें सभी महिला-पुरुष अपने पारंपरिक पोशाक पहने हुए थे. इसके बाद समारोह का आयोजन किया गया जिसे मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती तिर्की ने संबोधित किया. इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.

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