किशनगंज : जिले में जोरो से चल रहा है वृक्ष रोपण अभियान।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शहर के केल्टेक्स चौक से लेकर बिहार बॉडर पेट्रोल पंप तक वृक्ष रोपण कार्य जारी है। जिले में 700 पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है जिसका नेतृत्व वन विभाग के कर्मी कर रहे है। शुक्रवार को वन विभाग के वन उप परिसर पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि हमारे द्वारा विभिन्न प्रकार के लाभदायक वृक्ष लगाया जा रहा है जिसमें गोल्ड मोहर, कचनार, प्लेटफार्म, जहरूल सहित अन्य कई पेड़ लगाया जा रहा है। वही उन्होंने बताया हमारे साथ साथ आम नागरिकों को भी जागरूक होना बहुत जरूरी है क्योंकि इनकी देख भाल उन्हें ही करना है हम लोग तो पेड़ लगा कर दूसरे जगह चले जायेंगे इनका रक्षा तो यहां के नागरिक ही करेंगे। हमारा लक्ष्य है जिले में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जिससे यहां के लोगो को स्वच्छ वातावरण मिले। वन उप परिसर पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए अगर एक पेड़ सूखता है तो दो पेड़ लगाए जिस दिन यह संकल्प सभी लोग ले लेंगे उस वक्त से हमारा जिला लोगों के मिसाल बनेगी और हमें कभी ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। गुलमोहर पेड़ के विषय में लोगों का मानना है कि गठिया रोग में पीले रंग के गुलमोहर के पौधे की पत्तियों को पीसकर उसका काढ़ा बनाकर लगाने से गठिया के दर्द से तुरंत राहत मिलती है। पीले फूल वाले गुलमोहर के पत्तियों को पीसकर लगाने से गठिया दर्द में राहत मिल जाती है। कचनार का पेड़ आसानी से कहीं भी देखने को मिल जाता है। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताए गए हैं। अगर इसके फूल और छाल को खास तरीके से यूज किया जाए तो इससे कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स को कंट्रोल किया जा सकता है। कचनार की पत्तियों का चूर्ण आधा चम्मच सुबह-शाम लेने से थायरॉइड के फंक्शन सुधरते हैं। वन उप परिसर पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जहरुल पेड़ लचीला होने के कारण इसका उपयोग रस्सी, चटाई, मछली पकड़ने की जाल आदि बनाने के लिए भी किया जाता है। वैसे तो मदार को एक जहरीला पौधा माना जाता है, और कुछ हद तक यह सही भी है, लेकिन यह कई रोगों के उपचार में भी कारगर है। मदार देश का एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है।