*विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान* के तहत पटना समाहरणालय में पटना एवं मगध प्रमंडल के अधिकारियों का प्रशिक्षण

त्रिलोकी नाथ प्रसाद: भारत निर्वाचन आयोग के तत्वाधान में आज पटना समाहरणालय में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के बारे में पटना एवं मगध प्रमंडल के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों तथा सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोग के सलाहकार श्री एन.एन. बुटोलिया तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार श्री विनोद सिंह गुंजियाल द्वारा अधिकारियों को विशेष गहन पुनरीक्षण की बारीकियों को विस्तार से समझाते हुए आयोग द्वारा निर्धारित टाइमलाइन का अनुपालन करने एवं अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का निर्देश दिया गया।
इस कार्यशाला में दिनांक 01.07.2025 की अर्हता तिथि के आधार पर फोटोयुक्त निर्वाचक सूची के *विशेष गहन पुनरीक्षण* (एसआईआर, स्पेशल इन्टेन्सिव रिवीजन) अभियान की *आवश्यकता, उद्देश्य, संवैधानिक प्रावधानों, विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण और विशेष गहन पुनरीक्षण में अंतर तथा आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट दिशा-निर्देशों, कार्यक्रमों एवं प्रक्रिया* के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। आगामी विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 के दृष्टिगत बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का संपादन कराया जाना है। इस संबंध में पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिशा-निर्देश उपस्थित सभी पदाधिकारियों को समझाया गया। साथ ही उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। इसी क्रम में इस प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर अधिकारियों के प्रश्नों का जवाब भी दिया गया तथा चर्चा भी की गई ताकि समय सीमा के अनुरूप सुचारू रूप से पुनरीक्षण कार्यक्रम का संपादन सुनिश्चित किया जा सके।
आयोग के सलाहकार श्री एन.एन. बुटोलिया ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिनांक 01.07.2025 की अर्हता तिथि के आधार पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 में 25 जून-26 जुलाई तक हाउस-टू-हाउस सर्वेक्षण एवं 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा। दावा एवं आपति दाखिल करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक निर्धारित की गई है। 30 सितंबर को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। अभियान के दौरान वरिष्ठ नागरिकों, बीमार लोगों, दिव्यांगजन, भेद्य समूहों सहित सभी निर्वाचकों की हर सुविधा का ख्याल रखा जाएगा तथा उन्हें यथासंभव सहायता प्रदान की जाएगी। आवश्यकतानुसार वोलंटियर्स को भी तैनात किया जाएगा। सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों एवं बीएलओ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।
आयोग के सलाहकार श्री एन.एन. बुटोलिया ने कहा कि बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2003 में दिनांक 01.01.2003 को अर्हक तिथि मानते हुए किया गया था। वर्तमान में तेज़ी से हो रहा शहरीकरण, लगातार होने वाला प्रवासन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, निर्वाचकों की मृत्यु की जानकारी समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है ताकि त्रुटिरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका मूल प्रयोजन है कि सभी पात्र नागरिकों का नाम निर्वाचक नामावली में शामिल हो। साथ ही कोई भी अपात्र मतदाता निर्वाचक नामावली में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि निर्वाचक नामावली में निर्वाचकों के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचक नामावली (ईआर) की शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है। त्रुटिरहित मतदाता सूची पूरे निर्वाचन प्रक्रिया का आधार है। उन्होंने कहा कि सभी पात्र नागरिकों का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा। गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया के दरम्यान सत्यापन हेतु मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारी अर्थात बीएलओ घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे। बीएलओ जनता से आवश्यक दस्तावेजों के साथ Enumeration Form (गणना फॉर्म, ईएफ) एकत्र करेंगे। बीएलओ पर्यवेक्षक बीएलओ के गुणात्मक और मात्रात्मक आउटपुट की जांच करेंगे। दावों और आपत्तियों पर निर्णय के बाद ईआरओ द्वारा अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।
पुनरीक्षण के दौरान आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में उल्लिखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करेगा।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के अंतर्गत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा अब तक अपने स्तर पर पात्रता की जांच की जाती रही है। अब तकनीक के विकास को देखते हुए, इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह आवश्यक किया गया है कि ERO द्वारा संतुष्टि के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों को ECINET पोर्टल पर अपलोड किया जाए। हालांकि, इन दस्तावेजों की गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए इन्हें केवल अधिकृत निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ही देखा जा सकेगा।
यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही ERO अपना निर्णय लेंगे। इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत ERO के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी (District Magistrate) तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।
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विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 के अंतर्गत बीएलओ के माध्यम से अथवा ऑनलाइन माध्यम से निर्वाचकों को Enumeration Form (गणना फॉर्म) भरना है। बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन (House-to-house verification) के समय निर्वाचकों को गणना फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा एवं पावती उपलब्ध कराई जाएगी । उल्लेखनीय है कि अंतिम रूप से निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से गणना फॉर्म उपलब्ध कराने वाले निर्वाचकों का नाम ही प्रारूप प्रकाशन (01.08.2025) में सम्मिलित किया जाएगा।
ऑनलाइन यह सुविधा voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है। जिन मतदाताओं का नाम प्रारूप सूची में नहीं होगा अथवा वे अपनी प्रविष्टि में सुधार करवाना चाहते है, वे दावा-आपत्ति की अवधि में आवेदन दे सकते हैं। यह पुनरीक्षण कार्यक्रम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 एवं नागरिकता नियम के प्रावधानों के आलोक में निष्पादित किया जाएगा।
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आगामी बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 के क्रम में बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रारंभ करने वाला देश का पहला राज्य है। आगे ये विशेष गहन पुनरीक्षण अन्य राज्यों में भी किया जायेगा। संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेने वाले भारतीय नागरिक जो पंजीकरण के स्थान के सामान्य निवासी हैं एवं किसी कानून के अंतर्गत अयोग्य नहीं है, वे सभी निर्वाचक बनने की अर्हता रखते हैं।
आयोग के सलाहकार श्री एन.एन. बुटोलिया ने पदाधिकारियों को आयोग के द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण हेतु सभी बीएलओ को ईआरओ द्वारा स्वयं प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही सभी स्टेकहोल्डर्स यथा राजनैतिक दलों, मीडिया, निर्वाचकों सहित आम लोगों से विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 में सक्रिय सहभागिता प्रदान करने की अपील की गई। पदाधिकारियों को *पुनरीक्षण अभियान पारदर्शी, समावेशी एवं सहभागिता-पूर्ण माहौल में संपन्न कराने का निर्देश दिया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्येक पात्र नागरिक की सहभागिता* सुनिश्चित की जा सके।
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*भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में प्रारम्भ निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में प्रमुख तथ्य*
*क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण?* (Special Intensive Revision)
• संविधान के अनुच्छेद 326 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, और जो अर्हक तिथि को 18 वर्ष से कम आयु का नहीं है, और किसी भी कानून के तहत अन्यथा अयोग्य (निरर्हित) नहीं है,निर्वाचक नामावली में पंजीकृत होने का हकदार होगा।
• संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार राज्य में 01.07.2025 को अर्हक तिथि मानते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निदेश दिया है।
• बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण आयोग द्वारा वर्ष 2003 में 01.01.2003 को अर्हक तिथि मानते हुए किया गया था।
*यह क्यों आवश्यक है?*
•स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचक नामावली (ईआर) की सत्यनिष्ठा बनाए रखना आवश्यक है
• यह सुनिश्चित करना कि सभी पात्र नागरिक निर्वाचक नामावली में शामिल हों और कोई भी पात्र मतदाता निर्वाचक नामावली से बाहर न हो
• यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अपात्र मतदाता निर्वाचक नामावली में शामिल न हो
• मृत/स्थानांतरित/अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाना
*कैसे किया जाएगा?*
• ईआरओ आदेश की तिथि तक सभी मौजूदा निर्वाचकों के लिए पहले से भरे हुए गणना फॉर्म (Enumeration Form-EF) को प्रिंट करेंगे और इसे बीएलओ को देंगे
• बीएलओ घर-घर जाकर सभी मौजूदा निर्वाचकों को ईएफ वितरित करेंगे
• ईएफ आयोग की वेबसाइट/ईसीआई-नेट पर उपलब्ध होगा जिसे कोई भी निर्वाचक डाउनलोड कर सकता है जिसका नाम आदेश की तिथि को निर्वाचक नामावलियों में मौजूद है
• सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए पूरी प्रक्रिया में सहभागी (शामिल) होंगे
• बीएलओ ईएफ भरने के बारे में लोगों का मार्गदर्शन करेंगे
• सीईओ/डीईओ/ईआरओ/बीएलओ यह ध्यान रखेंगे कि वास्तविक निर्वाचकों, विशेषकर वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), गरीब और अन्य कमजोर समूहों को परेशान न किया जाए और उन्हें वॉलंटियर्स की तैनाती के माध्यम से यथासंभव सुविधा प्रदान की जाए।
• बीएलओ जनता से आवश्यक दस्तावेजों के साथ ईएफ एकत्र करेंगे
• वैकल्पिक रूप से, मौजूदा निर्वाचक भी ईएफ और दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं
• बीएलओ पर्यवेक्षक बीएलओ के गुणात्मक और मात्रात्मक आउटपुट की जांच करेंगे
• उन सभी निर्वाचकों की ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली तैयार की जाएगी, जिनके ईएफ प्राप्त हो चुके हैं
• ड्राफ्ट निर्वाचक नामावली की प्रतियां सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएंगी और ईसीआई/सीईओ की वेबसाइट पर भी डाली जाएंगी
• किसी भी निर्वाचक या किसी भी राजनीतिक दल द्वारा किन्हीं भी नामों को जोड़ने/हटाने के लिए दावे और आपत्तियां दायर की जा सकती हैं
• एईआरओ किसी भी पात्र व्यक्ति के नाम हटाए जाने या किसी भी अपात्र व्यक्ति को शामिल करने की किसी भी शिकायत की जांच करेगा
• दावों और आपत्तियों पर निर्णय के बाद, ईआरओ द्वारा अंतिम निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी
• अंतिम निर्वाचक नामावली की प्रतियां सभी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएंगी और ईसीआई/सीईओ की वेबसाइट पर भी डाली जाएंगी
• अधिनियम की धारा 24 के तहत, ईआरओ के आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तथा द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भी की जा सकती है।
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विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) से संबंधित महत्वपूर्ण निर्देश (जन सामान्य की जानकारी हेतु) निम्नवत हैः-
1. घर-घर गणना (House to House Enumeration) से संबंधित प्रक्रियाः
* बी०एल०ओ० प्रत्येक घर जाकर पहले से भरे हुए एन्यूमरेशन फॉर्म (दो प्रतियों में) वितरित करेंगे और उन्हें भरने में मतदाताओं का मार्गदर्शन करेंगे।
* बी०एल०ओ० कम से कम तीन बार दोबारा जाकर फॉर्म संग्रह करने का प्रयास करेंगे।
* इच्छुक मतदाता प्री-फिल्ड एन्यूमरेशन फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं तथा भरा हुआ फॉर्म और दस्तावेज भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।
* हर मतदाता को यह फॉर्म आवश्यक जानकारी व स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ भरकर बी०एल०ओ० को देना होगा।
* बी०एल०ओ० द्वारा फॉर्म जमा करने के बाद, एक प्रति अपने पास रखी जाएगी और दूसरी प्रति पर स्वीकृति की रसीद देकर वह मतदाता को लौटा दी जाएगी।
* ऑनलाइन फॉर्म भरने वालों के दस्तावेजों का सत्यापन भी घर पर होगा। यदि किसी मतदाता ने ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म और दस्तावेज अपलोड किए हैं, तो बीएलओ उनके घर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे।
* बी०एल०ओ० द्वारा प्राप्त फॉर्म और संलग्न दस्तावेज BLO/ECINet मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे और फिर संबंधित ईआरओ/एईआरओ को रिकॉर्ड हेतु जमा किए जाएंगे।
2. प्रारूप निर्वाचक नामावली (Draft Roll) का प्रकाशनः
* प्रारूप मतदाता सूची में उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएंगे जिन्होंने हाउस-टू-हाउस सर्वे के दौरान फॉर्म जमा किए हैं या जिन्होंने फॉर्म ऑनलाइन जमा करवा दिए हैं और जिन्हें बीएलओ द्वारा सत्यापित किया गया है।
* जिन मतदाताओं ने समय पर फॉर्म नहीं जमा किया, उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।
3. फॉर्म समय पर जमा न करने वाले मतदाताओं के लिए विकल्पः
* यदि कोई मतदाता समय पर एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो वह दावा-आपत्ति अवधि के दौरान फॉर्म-6 और घोषणा पत्र (Annexure D) के साथ नाम जोड़ने हेतु आवेदन कर सकता है।
4. अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
* न्यायपालिका के सदस्य, जनप्रतिनिधि, घोषित पदधारक और कला, संस्कृति, पत्रकारिता, खेल व लोक सेवा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों के नाम प्रारूप मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाएंगे, ताकि आवश्यक दस्तावेज दावा-आपत्ति के दौरान लिए जा सकें।
* प्रारूप प्रकाशन की सूचना (Form-5) के साथ ही अगले अर्हता तिथि के लिए (1 अक्टूबर, 2025) अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित किए जाएंगे।
5. दावा-आपत्ति अवधि में पात्रता का गंभीर परीक्षण होगाः
* प्रारूप सूची के प्रकाशन के बाद, सभी प्रस्तावित मतदाताओं की पात्रता की जांच अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 व 19 के आधार पर की जाएगी।
* यदि ई०आर०ओ०/ए०ई०आर०ओ० को किसी मतदाता की पात्रता पर संदेह होता है (प्रमाणपत्र की अनुपलब्धता आदि के कारण), तो स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू की जाएगी और संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाएगा।
6. अपील की व्यवस्था उपलब्धः
* यदि ERO/AERO ने जाँच कर यह पाया कि प्रारूप सूची में शामिल कोई नाम मतदाता बनने के योग्य नहीं है, तो वह नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
* यदि कोई व्यक्ति ERO द्वारा नाम हटाए जाने के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(क) के तहत निर्वाचक पंजीकरण अधिनियम, 1960 के नियम 27 के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील कर सकते हैं।
* यदि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए निर्णय से कोई मतदाता असहमत होता है, तो वह द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के समक्ष कर सकता है। यह प्रक्रिया निर्वाचक नियमावली, 1960 के नियम 27 के तहत निर्धारित है।
7. निगरानी और जाँचः
* प्रत्येक BLO सुपरवाइजर अपने अधीनस्थ 10 BLO में से प्रत्येक के 10 प्रतिशत कार्य का सत्यापन करेंगे।
* ERO नियमित रूप से AERO, BLO सुपरवाइजर और BLO के साथ समीक्षा बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो कि कार्य सतही न हो और लापरवाह पदाधिकारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाए।
* रोल ऑब्जर्वर द्वारा 250 फॉर्म (100 नाम जोड़ने, 100 हटाने, 50 सुधार) की सुपरचेकिंग की जाएगी, जिसमें से कम से कम 50 फॉर्म का फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
8. बी०एल०ओ० एवं पदाधिकारियों का प्रशिक्षणः
* भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के आलोक में नई IT सुविधाओं, मॉड्यूल्स और ऑनलाइन फॉर्म प्रक्रिया की जानकारी हेतु सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बी०एल०ओ०, ई०आर०ओ०, ए०ई०आर०ओ० सहित संबंधित अधिकारियों को नवीनतम तकनीकी प्रणालियों का प्रशिक्षण सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक कार्यो से जुड़े प्रत्येक पदाधिकारी एवं कर्मी को दिया जायेगा ताकि निर्वाचन कार्यों का ससमय सटीक संपादन किया जा सके।
9. मतदान केंद्र स्थान में बदलाव की प्रक्रिया सख्त होगीः
* किसी भी मतदान केंद्र के स्थान में परिवर्तन का प्रस्ताव तभी भेजा जाएगा जब उस स्थान की 100% भौतिक जाँच पूरी हो जाए और उसका लैटिट्यूड व लॉन्गिट्यूड (अक्षांश और देशांतर) रिकॉर्ड किया जा चुका हो। सभी नए व बदले गए मतदान केंद्रों की जानकारी ECINET डैशबोर्ड पर अपडेट की जाएगी।
* BLO के माध्यम से सभी मतदान केंद्रों की फोटो, स्थान विवरण और लैटिट्यूड/लॉन्गिट्यूड जानकारी ECINET ऐप में अपलोड की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित हो।
10. परिवारवार क्रमबद्धता (Family Grouping)ः
* मतदाता सूची में एक ही परिवार के सदस्यों को क्रमबद्ध रूप में दर्शाया जाएगा। जहाँ पंचायत या नगरपालिका द्वारा घर संख्या नहीं दी गई है, वहाँ कल्पित (notional) घर संख्या अंकित की जाएगी और स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा कि यह अनुमानित है। मतदाता सूची में उल्लिखित पता विवरण हू-ब-हू मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में भी प्रतिबिंबित किया जाएगा।
11. राजनीतिक दलों के साथ समन्वयः
* राजनीतिक दलों से हर मतदान केंद्र के लिए बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है, जो BLO के साथ पुनरीक्षण कार्य में सहयोग करेंगे।
* CEO ECINet से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दावा-आपत्ति के निष्पादन की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे, ताकि आम नागरिकों को जानकारी मिल सके।
* फॉर्म-6, 6क, 7, और 8 के तहत प्राप्त सभी आवेदन CEO की वेबसाइट पर प्रतिदिन अपडेट किए जाएंगे।
* CEO द्वारा प्रारूप मतदाता सूची, अंतिम मतदाता सूची,तथा दावा-आपत्तियों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी और राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी।
* CEO यह सुनिश्चित करेंगे कि SIR का कार्यक्रम मीडिया, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों एवं RWA (रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) तक विधिवत रूप से पहुँचाया जाए।
12. SIR कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसारः
* SIR का पूरा कार्यक्रम विवरण के साथ प्रकाशित किया जाएगा।
* राजनीतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठकें आयोजित की जाएंगी।
* प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें जनता से दावा-आपत्तियाँ दर्ज कराने की अपील की जाएगी।
* मतदाता सूची का प्रारुप एवं अंतिम प्रकाशन होने पर जनता को विज्ञापन के माध्यम से जानकारी दी जाएगी कि और यदि आवश्यक हो तो अपील कैसे करें, इसकी जानकारी दी जायेगी।
13. मतदान केंद्रों का पुनर्गठन (Rationalization of Polling Stations)ः
* जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर प्रारंभिक मतदान केंद्र सूची पर चर्चा की जाएगी।
* आयोग से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात, CEO द्वारा अंतिम सूची का समेकित प्रेस नोट जारी किया जाएगा।
14. अंतिम मतदाता सूची का स्वरूपः
* ERO यह सुनिश्चित करेंगे कि अंतिम मतदाता सूची ड्राफ्ट सूची और SIR के दौरान हुए परिवर्तनों का समेकन हो।
* अंतिम मतदाता सूची में SIR के दौरान किए गए सभी जोड़, संशोधन और विलोपन शामिल होंगे।
* संशोधित/हटाई गई प्रविष्टियों को उनके पुराने क्रमांक (Sl- No.) के सामने ही अपडेट करके दर्शाया जाएगा।
* अंतिम मतदाता सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा और CEO की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।
15. निर्वाचन के दौरान मतदाता सूची का प्रयोगः
* नामांकन की अंतिम तिथि पर प्रत्याशियों को जो मतदाता सूची दी जाएगी, वह एकीकृत और अद्यतन सूची होगी।
16. मतदान केंद्रों का पुनर्गठन (Rationalization)ः
* प्रत्येक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता न हों, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार नए मतदान केंद्र प्रस्तावित किए जा रहे हैं।
* यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी मतदाता को 2 किलोमीटर से अधिक दूरी या प्राकृतिक बाधा पार करके मतदान केंद्र तक न जाना पड़े। शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों, समूह आवास (Group Housing) और झुग्गी बस्तियों में सुविधाजनक स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करने के लिए व्यापक सर्वे किया जा रहा है।
* सभी प्रस्तावित मतदान केंद्र स्थलों की 100% भौतिक जाँच की जा रही है ताकि भवन सुरक्षित, सुगम और आयोग के मानकों के अनुसार हो।
* राजनीतिक दलों से परामर्शः- नए मतदान केंद्रों के निर्धारण से पूर्व संबंधित राजनीतिक दलों से परामर्श लिया जाएगा ताकि पारदर्शिता और सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
* मतदान केन्द्र पुनर्गठन में भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।
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