किशनगंज : जिले में 18 फ़रवरी को वीएचएसएनडी सत्रों पर टेलीमेडिसिन के सफल ड्राई रन के लिए प्रशिक्षण जारी, लाभुकों को आंगनवाड़ी केंद्र पर मिलेगी निशुल्क चिकित्सीय परामर्श की सुविधा।

स्वास्थ्यकर्मियों को सफल सत्र संचालन हेतु दिया जा रहा प्रशिक्षण
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों के व्यक्तियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस हेतु जिले में ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन से चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है. इस कार्य के विस्तार एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ई-संजीवनी के माध्यम से सभी वीएचएसएनडी सत्र पर पहले से दी जाने वाली सेवाओं के अतिरिक्त चिकित्सीय परामर्श की सुविधा प्रदान करायी जानी है. इस बाबत अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समीति, बिहार अनिमेष पराशर ने सभी जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं जिसमे स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण एवं उसके बाद सभी इंतजाम कर 18 फ़रवरी को वीएचएसएनडी सत्रों पर टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन का सफल ड्राई रन किया जाना है। 18 तारीख को प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्रों पर कम से कम एक लाभार्थी का टेलीकंसल्टेंसी कराना सुनिश्चित करना है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ई-संजीवनी टेली मेडिसीन, ई-औषधी, ई-जननी, अनमोल आदि को लेकर एएनएम के लिये प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें सदर प्रखंड की एएनएम का योजना के तहत लाभुकों तक सेवाओं और सुविधाओं को पहुंचाने के लिये ज्ञानवर्धन किया गया। जारी पत्र में बताया गया है कि 12 फ़रवरी को राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारीयों एवं सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण राज्य स्तर पर कराया जा चुका है तथा 14, 15 एवं 17 फ़रवरी को प्रखंड स्तरीय संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी एवं ए.एन.एम/जी.एन.एम./नर्सिंग स्टाफ को तीन बैच में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दिया जाना है जो जिले में जारी है। प्रत्येक प्रखंड स्तर पर पहले से प्रशिक्षित एवं कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी को चिकित्सा पदाधिकारी-आउटरीच नामित किया जाना है जो चिकित्सीय परामर्श के अलावा कार्यक्रम के मूल्यांकन एवं पर्येवेक्षण का भी काम करेंगे।
सिविल सर्जन की अध्यक्षता में होगा साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की जारी पत्र में निर्देशित है कि प्रखंड स्तर पर प्रत्येक शुक्रवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान वीएचएसएनडी कार्यक्रम के साथ साथ टेलीमेडिसिन पर भी विचार विर्मश किया जायेगा। प्रत्येक सोमवार को प्रखंड से प्राप्त संबंधित प्रतिवेदन के साथ साथ जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा भ्रमण के दौरान पाए गए तथ्यों पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाना है। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये जिला एवं प्रखंड स्तर पर टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाना है। जिलास्तरीय टास्क फ़ोर्स में जिलाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समेकित बाल विकास विभाग, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी के अलावा सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि रहेंगे। प्रखंड स्तरीय टास्क फ़ोर्स में प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि रहेंगे। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की वीएचएसएनडी सत्रों पर टेलीमेडिसिन से चिकित्सीय परामर्श के दौरान हाई रिस्क केसेस जैसे गर्भवती महिलाएं, अतिकुपोषित बच्चों आदि के लिए रेफ़रल सुविधा उपलब्ध करना है. स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर किये गए रोगी के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति को प्राप्त किया जाना है। आवश्यकतानुसार पैथोलॉजिकल सुविधाएँ, एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराना है. साथ ही ग्रीन चैनल सुविधा अंतर्गत कूरियर सेवा द्वारा आवश्यकतानुसार टेस्ट किट एवं दवाओं की उपलब्धता वीएचएसएनडी सत्रों पर सुनिश्चित करानी है।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया, ई-संजीवनी समग्र रूप से जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी को दूर किया जा रहा है। यही नहीं माध्यमिक और तृतीयक स्तर के अस्पतालों पर बोझ को भी कम कर रही है। ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी (डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीकंसल्टेशन सिस्टम) को स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से शहरी-ग्रामीण क्षेत्र का अंतर खत्म करने के लिए लांच किया गया है। उन्होंने बताया, ई-संजीवनी टेली मेडिसीन के दौरान जटिल प्रसव वाली गर्भवती महिलायें अतिकुपोषित बच्चों के लिए रेफरल की सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि सभी रेफरल अस्पतालों यथा: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक के सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा दी जा रही सेवाओं, रोस्टरवार चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति को सुचारू रूप से संचालित किया जाए।