सनातनी विज्ञान….

पटना डेस्क:-यजुर्वेद एवं सूर्य सिद्धांत ग्रंथों में पहले से ही लिखा
हुआ हैं कि सूर्य भी ब्रह्मांड के चारों ओर चक्कर
लगाता हैं, स्थिर नहीं हैं जबकि किसी सम्प्रदाय की
धर्म पुस्तक धरती को चपटी कहती हैं तो कोई कहता
हैं कि, सूर्य पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता हैं,
जिसे बताने पर वैज्ञानिकों को भी मार दिया गया था।
आज उन्हीं अज्ञानी लोगों को अपना पूर्वज मानने
वाले, सनातनी ग्रंथो की प्रतियां जलाकर, उन्हें पाखण्ड
व मिथ्या बताते हैं। सभी सनातनी ग्रंथ पूर्णतः
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर लिखे गए हैं, बस
समझ का फर्क हैं। अभी हम अपने पूर्वजों के समान
विकसित व वैज्ञानिक नहीं हुए, जब होंगे, तब सभी
ग्रंथ अपने आप ही प्रमाणित हो जाएंगे और उन्हें
जलाकर महात्मा कहलाने वालों की मूर्तियां, उनकी
मूर्खता का प्रमाण, भविष्य को बतायेंगी। इसलिए
शांत रहिए व धैर्य रखिए, क्योंकि विजय तो सत्य की ही होगी।