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आज जिलाधिकारी, पटना डॉ० चंद्रशेखर सिंह, की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, बाल श्रम उन्मूलन हेतु टास्क फोर्स, मानव व्यापार विरोध समिति तथा बाल कल्याण समिति की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई ।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ बैठक में उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ उपस्थित थे। बैठक की शुरुआत सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से की गई, जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर विस्तार से समीक्षा की गई l

पटना जिला अंतर्गत संचालित 03 बाल गृह यथा अपना घर, वृहद् आश्रय गृह यूनिट- I एवं यूनिट- II, 03 बालिका गृह यथा निशांत, आशा किरण एवं नाजरथ मोकामा, 02 विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान, अरुणोदय एवं सृजनी तथा पर्यवेक्षण गृह/विशेष गृह एवं उत्तर रक्षा गृह के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई ।

सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल संरक्षण के सभी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई तथा बताया गया कि विगत सप्ताह में यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम, 2012, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 के महत्वपूर्ण प्रावधानों को स्पष्ट करने हेतु बच्चों एवं आम जनता के बीच शाक्षरता फैलाने और जागरुकता को प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार भी किया गया है । इस संबंध मे जिलाधिकारी द्वारा सराहना व्यक्त की गई ।

पसहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि पटना जिले में विगत तीन वर्षों में कुल 65 बच्चों को दत्तकग्रहण से जोड़ा गया है, जिसमें 13 अंतरराष्ट्रीय दत्तकग्रहण शामिल है । इसके साथ ही यह भी बताया गया कि पटना जिला में अबतक 86 ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को आई०डी० कार्ड प्रदान किया गया है ।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा की गई । समीक्षा के क्रम में कन्या विवाह योजना के लंबित आवेदनों का यथाशीघ्र निष्पादन करने का निदेश दिया गया साथ ही बाल देखरेख संस्थानों का नियमित अंतराल पर निरीक्षण करने का भी निदेश दिया गया ।

जिलाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई को सभी बाल देख-रेख संस्थानों में कैंप लगाकर आधार कार्ड बनाने का भी निर्देश दिया गया तथा जिला परियोजना प्रबंधक, बुनियाद केंद्र को गृहों में आवासित विशेष बच्चों को कैंप लगाकर फिजियोथेरेपी एवं अन्य सुविधाएं देने का निदेश दिया। इसके साथ ही पर्यवेक्षण गृह, पटना में पर्यवेक्षण गृह, भोजपुर के विधि विवादित किशोरों के स्थानान्तरण हेतु विभाग से समन्वय स्थापित करने का निदेश दिया गया । वृत्त हो कि पर्यवेक्षक पर्यवेक्षण गृह पटना की क्षमता वर्तमान में 50 है लेकिन 120 से ज्यादा विधि विवादित बालक आवासित हैं l पर्यवेक्षण गृह में तत्काल रुप से सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतू जिलाधिकारी द्वारा नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई को निर्देशित किया गया l

बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया गया कि पटना जिले की भौगोलिक स्थिति एवम कार्य की व्यापकता को देखते हुए एक और बाल कल्याण समिति के गठन का प्रस्ताव दिया जा सकता हैl

बैठक के अंत में पटना जिले के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु सहायक निदेशक को निदेश दिया गया ।

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