आज बिहार सरस मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री , ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार शिरकत किया एवं समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जीविका से जुड़कर सवा सौ करोड़ परिवार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चले हैं l…

पटना डेस्क/जीविका दीदियाँ अब दूसरे राज्यों में जाकर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनने का पाठ पढ़ा रही हैं l
माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार, श्री श्रवण कुमार इससे आगे कहा कि बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका ( ग्रामीण विकास विभाग ) के तत्वाधान में 18 सितंबर से जारी दस दिवसीय बिहार सरस मेला का शुक्रवार को समापन हो गया l माननीय मंत्री ने सरस मेला का अवलोकन किया और ग्रामीण शिल्पकारों द्वारा उत्पादित उत्पादों की तारीफ की l मुख्य मंच पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय मंत्री का स्वागत पुष्पी गुच्छ एवं पौधा भेटकर श्री हिमांशु शर्मा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका ने किया एवं सभा को संबोधित करते हुए सरस मेला के आयोजन के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहन देना एवं स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाओं के हुनर को व्यवसाय एवं स्वरोजगार से जोड़ना और फिर बाज़ार उपलब्ध करना मेला का उद्देश्य है l
माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने उक्तज़ समापन कार्यक्रम में सरस मेला में सर्वश्रेष्ठ बिक्री करने वाली महिला उद्यमियों को माननीय मंत्री जी ने प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया l सम्मानित होने वाली महिला उद्यमियों में सर्वश्रेष्ठ बिक्री के लिए प्रथम जैस्मिन मालिक, ओड़िसा, द्वितीय खाबीरम नीशा-आसाम, तृतीय -सुल्ताना-बिहार, चतुर्थ श्रीमती रीना देवी – बिहार एवं 5 वें स्थान पर रही एन.चोबा लीमा–मणिपुर रही l
अपने संबोधन में माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि जीविका को अब पूरे देश में आजीविका के नाम से जाने जाना लगा है l जीविका से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं l उन्हें और सशक्त और स्वावलंबी बनाना बिहार सरकार का लक्ष्य है l जीविका से जुडी महिलाओं को सरकारी संस्थानों से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है l सरस मेला के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए श्री श्रवण कुमार जी ने कहा कि सरस मेला एक ऐसा बाज़ार एवं प्रदर्शनी स्थल है जहाँ बिहार के सभी जिलों समेत विभिन्न राज्यों के हस्त शिल्प , लोक कलाकृति, लोक संस्कृति एवं देशी व्यंजनों का प्रदर्शनी सह बिक्री की जाती है l ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार मेला के माध्यम से आधुनिक बाज़ार में स्वदेशी उत्पादों एवं इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहन देने का काम कर रही है l मेला के माध्यम से इसके सापेक्षित परिणाम भी मिले हैं l
माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने आयोजित कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्री राम निरंजन सिंह, निदेशक, जीविका ने सभी को आगमन एवं प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि दस दिवसीय बिहार सरस मेला से लगभग 3 करोड़ 28 लाख के उत्पादों एवं व्यंजनों के खरीद-बिक्री की संभावना है l इस मेले में 3 लाख से ज्यादा लोग आये l सरस मेला के माध्यम से हमारे देश के 22 राज्यों की लोक संस्कृति, शिल्प, लोक कला के तहत हाथ से निर्मित उत्पादों एवं देशी व्यंजन 130 स्टॉल से बिक्री हुई है l सरस मेला के प्रति लोगों के आकर्षण एवं स्नेह का परिणाम है कि सरस मेला अब प्रति वर्ष 2 संस्करण में आयोजित किया जा रहा है l वर्तमान वर्ष का यह प्रथम संस्करण खरीद-बिक्री एवं उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए खास रहा l
उक्ता समापन समारोह में मंच पर माननीय मंत्री महोदय के साथ श्रीमती महुआ रॉय चौधरी, परियोजना समन्वयक, जीविका, श्री समीर कुमार, राज्य परियोजना प्रबंधक, जीविका एवं श्री पवन प्रियदर्शी, परियोजना प्रबंधक आदि भी उपस्थित रहे l कार्यक्रम के अंत में मंच पर उपस्थित अतिथि एवं पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र समर्पित किया गया l