ठाकुरगंज : जाम से तनाव झेल रहे ठाकुरगंज शहरवासी, शहर में बड़े वाहनों के प्रवेश से लगता है जाम, शहर में नहीं है पार्किंग की व्यवस्था..

सोमवार और शुक्रवार हाट दिवस ठाकुरगंज शहर में लगता है महाजाम।
ठाकुरगंज/सुमित राज यादव, कहने को तो ठाकुरगंज नगर को नगर पंचायत का दर्जा मिले करीब 20 साल होने जा रहें हैं।नप में 15 वर्षो तक नवीन यादव और बेबी देवी वाली एक पक्ष की सरकार रहीं।15 वर्षो के बाद परिवर्तन मंच के रूप में सत्ता परिवर्तन हुआ। इसके बाद परिवर्तन में महापरिवर्तन भी हुआ।लेकिन, नगरवासियों को अबतक पार्किंग की सुविधाएं नहीं मिल पाई।पार्किंग की सुविधा से वंचित नगर में इस अवधि में नगर की आबादी भी काफी बढ़ी है। आबादी में बढ़ोत्तरी व वाहनों की संख्या में दिन प्रतिदिन हो रहे इजाफा के बीच शहरी इलाके में पार्किंग की व्यवस्था में कोई भी बदलाव नहीं हो सका है।लंबी अवधि बीतने के बाद भी शहर में एक भी स्थायी पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो सकी है।जो काफी दुःखद समस्या और चिंतनीय विषय बन चुकी हैं।एक-दो स्थान पर पार्किंग के लिए अस्थायी स्थानों का चयन किया भी गया तो वहां जगह का अभाव एक बड़ी समस्या है।डीडीसी मार्केट, बस स्टैंड, महावीर स्थान, अस्पताल चौक आदि मुख्य है।ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे में अपने काम से शहर में आने वाले लोगों को वाहन खड़ी करने के लिए स्थान की तलाश करना किसी मुसीबत से कम नजर नहीं है।पार्किंग के लिए नगर पंचायत में उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग अपने वाहन को मुख्य पथों के किनारे ही खड़ी करने को विवश होते हैं। कई रहिश जादो का तो सड़को पर चार पहिया और दो पहिया वाहन खड़े होते हैं।ऐसे में दिन के दस बजते-बजते शहर का अधिकांश हिस्सा प्रत्येक हाट के दिन जाम की चपेट मे आने लगता है।यह समस्या सिर्फ एक दिन की नहीं है।प्रत्येक दिन लोग इसी समस्या से जूझते हैं।हालांकि, किशनगंज पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के पहल के बाद ठाकुरगंज सर्किल इंस्पेक्टर औऱ थानाध्यक्ष को निर्देश दिये जाने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों के बातचीत करने के बाद पुलिस चौक पर नियुक्ति के बाद भीषण जाम में मुक्ति मिल पाई है।लेकिन, मूल समस्या के समाधान की दिशा में अबतक कोई भी प्रयास नहीं किया गया है।ऐसे में जरूरत इस बात की है कि इस समस्या के स्थायी समाधान निकले।रोजाना लोगों को शहर की छोटी-छोटी गलियारों का सहारा लेना पड़ रहा है।जबकि, सोमवार और शुक्रवार का तो दिवस किसी नरकीय हालत से कम नही दिखता है मुख्य बाजार के शहर की।
हाइवे में लगता है ओवरब्रिज के पास जाम, शहर में प्रत्येक दिन आते हैं हजारों हजार वाहन:-
ठाकुरगंज नप के भीतर शहर में प्रवेश के कई रास्ते है।जिसमें बिहार, पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के साथ पड़ोसी देश नेपाल से भी आने वालों का भी मार्ग है।आंकड़े बताते हैं कि ठाकुरगंज में प्रत्येक दिन हजारों-हजार की संख्या में छोटे-बड़े वाहन आते हैं।लेकिन, इतने वाहनों के खड़ी होने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई भी व्यवस्था नहीं है।ऐसे में भारी संख्या में आने वाले वाले जहां-तहां खड़े होते हैं। यही कारण है कि शहर में दर्जनों जगह स्टैंड में तब्दील हो गई हैं। लॉक डाउन खुलने के बाद तो बाजार में निजी वाहनों के प्रवेश की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं।
नगर प्रसासन ने अबतक नही की पार्किंग की व्यवस्था, भीड़-भाड़ वाले इलाके में खड़े रहते सैकड़ों बाइक:-
शहर में अवैध पार्किंग का सबसे बड़ा नजारा नगर में स्थित हृदय स्थली डीडीसी मार्केट, महावीर स्थान, गोलम्बर चौक, बस स्टैंड गुदरी, रेलवे गेट रोड के आसपास आसानी से दिख जाता है।इसके आलावे सोनार पट्टी, स्टेशन रोड, धर्मशाला रोड, प्याज पट्टी रोड, भातढाला कस्टम चौक, जलेबियमोर चौक, पेट्रोल पंप चौक, मस्तान चौक, जामा मस्जिद चौक, आदि के अलावे किशनगंज-गलगलिया पथ एनएच के किनारे गाड़ियों की अवैध रूप से पार्किंग की जाती है।इस समस्या से निजात की दिशा में आजतक कोई भी प्रयास नहीं किया गया है।कभी कभार जब नए अधिकारी का पदस्थापना होता है तो कागजी कोरम पूरा कर लिया जाता है।जबकि, दर्ज़नो घटना के मामले क़ुर्लीकोर्ट थाने में दर्ज किये जा चुके है।आलाधिकारियों का दौरा होता है तो पूरी सड़के आसानी खाली मिल जाती हैं।दो चार दुकानों के कारण हाइवे पर जाम और पार्किंग होती है।जिसका दंश नप वासियों को झेलना पड़ता है।इसके अलावा अपनी दुकान की छतों को नगर में बढ़ाकर लगाने वाले दुकानदार और होटलों के आगे भी अवैध पार्किंग का नजारा दिखता है।जिससे महाजाम की स्तिथि होते होते अधिक बढ़ जाती है।और सभी के लिए सिरदर्द बन जाता हैं।
नगर में नही हो पाई सीमांकन, स्टैंड में तब्दील हो चुकी महावीर स्थान चौक-
ठाकुरगंज नगर प्रसासन पूरे नगर के बिना सीमांकन किए अपने योजनाओं पर आजतक काम कर रही है।जब जिस गली में योजना का विस्तार करना हुआ है वही सीमांकन कार्य किया गया है। जबकि, सम्पूर्ण नगर पंचायत ठाकुरगंज का एक बार सीमांकन होना अतिआवश्यक है।ताकि, अतिक्रमण कर चुके लोगों से अतिक्रमित सरकारी जमीन को मुक्त कराकर नगर को सुदृढ़ बनाने में एक बेहतरीन विकल्प हो सकता हैं।ठाकुरगंज की हृदयस्थली महावीर स्थान शहर के बीचों-बीच मुख्य बाजार में अवस्तिथ है।इसके बावजूद दर्जनों टेम्पो चालको द्वारा इसे स्टैंड में तब्दील कर दिया गया है।मात्र एक मिनट की दूरी तय करने वालों को यहां जाम का दंश झेलने के लिए विवश कर लंबे समय तक जाम में फंसे रहते है। जिसपर कोई पहल नहीं हो पा रहा है।
कब सुधरेगी शहर की यातायात व्यवस्था-
पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण बार-बार पुलिस प्रशासन और नगर प्रसासन पर सवाल खड़े हुए हैं।पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित नौ मुख्य पार्षद सभी को लिखित शिकायत दर्ज कराई गई हैं।लेकिन, सभी ने मात्र एक कागज को अपने फाइल की शोभा बढ़ाते हुए यूँही ज्वलंत मुद्दों को छोड़ दिया है।हर दिन शहर की हालत ट्रैफिक को लेकर बदहाल है।शहर हर दिन हाफतें हुए दिखता है।सड़कों पर हर जगह वाहन की पार्किंग शहर में हर दिन बड़े वाहनों का प्रवेश लगातार बढ़ते दोपहिया, चारपहिया वाहन और टोटो रिक्शा ने शहर को ठीक से सांस भी नही लेने दे रहा है।लिहाजा शहर में प्रदूषण और यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।जिसकी सुधि लेने को कोई तैयार नहीं है। न तो जनप्रतिनिधियों और न ही नगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जवावबदेह हैं।ऐसे में शहरवासियों को इस महाजाम की समस्या से निज़ात दिलाने की बात करने और दावे करने वाले जनप्रतिनिधियों को शहर के लोगों के द्वारा जिम्मेदारी व सौंपी गई सत्ता का भी ख्याल रखते हुए उनके उम्मीद पर खड़ा उतरना भी बहुत बड़ी चुनोती सामने दिखाई देती हैं।अब इसपर कौन कितना खड़ा उतर पाएंगे यह आने वाले दिन में स्पष्ट होंगे।