किशनगंज : कोचाधामन में शांतिपाठ जयघोष के साथ तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ विधिवत हुआ संपन्न।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, वेदमूर्ति तपोनिष्ठ वैज्ञानिक ब्रहम ऋषि पं० श्री राम शर्मा आचार्य एवं परमवंदनीय माता भगवती देवी शांतिकुंज, हरिद्वार के सूक्ष्म संरक्षण 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा का तृतीय दिवस की पावन-बेला पर प्रातः 6 बजें से ध्यान साधना से प्रारंभ होकर यज्ञ, विभिन्न प्रकार के संस्कार महोत्सव मानस पुत्रों द्वारा संपन्न हुआ।
विभिन्न संस्कारों के माध्यम से शिक्षा के साथ संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। शिक्षा के संस्कार की परंपरा को जागृत करने पर प्रभावशाली चर्चा की गई। टो़ली नायक विनय पांडेय ने भावपूर्ण चर्चा की। सायंकालीन कार्यक्रम भाव यज्ञ दीप यज्ञ एवं प्रज्ञा संगीत से वातावरण दिव्यता से भर उठा।
लगभग 4-5 जिलों से आए परिजनों ने नई अनुभूति प्राप्त किए चुंकि, आज पूर्णाहुति विसर्जन का अवसान दिवस होने के कारण परिजनों ने विरह-मिलन की संवेदना व्याप्त होते देखी गई। केन्द्रीय टोली मानस पुत्रों की भावभीनी विदाई की भव्य एवं दिव्य व्यवस्था बनाई गई जिससे अश्रुपूरित नैनो से सबों ने विदाई दी। वरिष्ठ प्रज्ञा श्यामानंद झा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक भावभरे अश्रुपूरित नैनो से अपने उद्बोधन में कहा – तृतीय दिवसीय महायज्ञ के माध्यम से मानवीय गरिमा को विवेकशीलता एवं आदर्शो से जोड़ कर चलने की जो प्ररेणा मंच से दी गई
उसे जीवन से जोड़ कर क्रिया रुप में परिणत करनें की आवश्यकता है, और यही यज्ञ की सफलता हैं। विदाई के क्षण बड़ा ही कारूणिक होता है। श्री झा ने भावुक होते कहा – सांझ, उषा का आंगन, आलिंगन विरह – मिलन का “जीवन का सत्य हैं, साथ ही अच्छाई का वरण करते हुए अपनी भाव संवेदना को मानव मात्र के प्रति समर्पित करें – जिससे विश्व कल्याण संभव हो।
शांतिपाठ जयघोष के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति विसर्जन किया गया। टोली द्वारा सभी सहयोगी ग्रामीणों एवं नगर वासियों को शुभ – कामना प्रदान की। तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ को सफल बनाने में ग्रामीणों का अपार सहयोग मिला जिससे यज्ञ विधिसम्मत संपन्न हुआ।