एक देश एक कानून’ की बात मोदी सरकार का फर्जीवाड़ा, AIIMS एक्ट में संशोधन कर अपना रही दोहरा मापदंड : जद(यू0)।…
त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-जद(यू0) विधानपार्षद और मुख्य प्रवक्ता श्री नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता डॉ० सुनील कुमार सिंह ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान दोनों पार्टी प्रवक्ताओं ने वीडियो की मदद से दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया।
पार्टी प्रवक्ताओं ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय सहकारिता मंत्री और दरभंगा के स्थानीय सांसद पर तंज कसते हुए कहा कि पहले देश के प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी ने-
12 अगस्त 2023 (श्रावण मास, कृष्ण पक्ष एकादशी दिन) को कहा कि दरभंगा में एम्स खुल गया।बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 12 अगस्त 2023 (श्रावण मास, कृष्ण पक्ष, एकादशी दिन) को ट्वीट कर एम्स निर्माण के लिए जमीन को सही नहीं बताया।केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 16 सितम्बर 2023 (भाद्र मास शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा) को दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर राज्य सरकार पर दोष मढ़ दिया।अब दरभंगा के स्थानीय बीजेपी सांसद गोपाल जी ठाकुर 25 सितम्बर 2023 (भाद्र मास शुक्ल पक्ष, एकादशी दिन) को राज्य सरकार की उसी शोभन में दी गई जमीन पर एम्स निर्माण की शुरुआत की बात कहते हैं।
पार्टी के दोनों प्रवक्ताओं ने केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ ‘एक देश एक कानून’ की बात को लेकर गंभीर आरोप लगाए और केंद्र सरकार पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एम्स एक्ट 1956 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही है और राज्यों में स्थापित नए एम्स के मानक को बदलकर फर्जीवाड़ा कर रही है।
पार्टी के दोनों प्रवक्ताओं ने केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ ‘एक देश एक कानून’ की बात को लेकर गंभीर आरोप लगाए और केंद्र सरकार पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एम्स एक्ट 1956 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही है और राज्यों में स्थापित नए एम्स के मानक को बदलकर फर्जीवाड़ा कर रही है।
इस दौरान केंद्र की बीजेपी सरकार से एम्स को लेकर कुछ गंभीर और अहम सवाल पूछे:
1.देश के प्रधानमंत्री ये बताएं कि देश में आईआईटी, आईआईएम और दूसरी संस्थाओं में डायरेक्टर का पद है तो ऐसे में सरकार ने एम्स एक्ट 1956 में संशोधन कर एम्स के लिए डायरेक्टर पद के विपरित उसे एग्जक्यूटिव डायरेक्टर का पद क्यों बना दिया?
2. बीजेपी बताए कि जब दिल्ली के साथ-साथ राज्यों में स्थापित हो रहे नए एम्स 1956 एक्ट के तहत स्थापित हो रहे हैं तो ऐसे में
एम्स
भू भाग
स्वीकृत मानव बल
बेड
एम्स नई दिल्ली
216 एकड़ में बना है
11 हजार 627
1 हजार 637
एम्स पटना
मात्र 100 एकड़ में है
4 हजार 89
960
एम्स देवघर
236 एकड़ में
1 हजार 153
750
एम्स दरभंगा
151 एकड़ में
लागत 12.50 करोड़
760
बिहार के अस्पतालों में बेड की संख्या
अस्पताल
वर्तमान में बेड की संख्या
बेड बढ़ाया जा रहा है
PMCH, पटना
1,754 बेड
5,462 बेड
IGIMS,पटना
1,170 बेड
1,670 बेड
DMCH,दरभंगा
1,030 बेड
2,500 बेड
केंद्र सरकार बताए कि जब एम्स एक्ट के तहत राज्यों में नए एम्स स्थापित किए जा रहे हैं तो फिर नई दिल्ली एम्स से अलग-अलग राज्यों के एम्स में मरीजों के बेड की संख्या कम क्यों है साथ ही राज्यों के अस्पतालों के मुकाबले एम्स में मरीजों के लिए बेड की संख्या कम क्यों?
3. पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी जिसके सदस्य भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी हैं, ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा कि देश में सारे AIIMS एक्ट 1956 के मुताबिक बनाए जा रहे हैं और इन सभी 16 नए एम्स को नई दिल्ली एम्स के समान मानते हुए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए ना कि एग्जक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर। लेकिन क्या ये सही नहीं है कि केंद्र सरकार संसद की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट पर चुप्पी साधकर बैठ गई है?
4. साल 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से पटना एम्स में अनियमितताओं की जांच के लिए आर्या कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने 3 सितंबर 2014 को अपनी जांच रिपोर्ट पेश की। इस कमेटी ने पटना एम्स में बहुत सारी नियुक्तियों में अनियमितता की बात कही और कई डॉक्टरों की योग्यता पर सवाल उठाकर नियुक्तियों को गलत ठहराया।
नाम
पद
अनिवार्य योग्यता
योग्यता
डॉ अजीत सक्सेना
Professor, Pathology and Lab Medicine
Pathology and Lab Medicine is MD
MSc, Zoology and PhD in Zoology
डॉ० मीनाक्षी तिवारी
Assistant Professor, Pathology and Lab Medicine
Pathology and Lab Medicine is MD
Industrial biochemistry and PhD in Endocrinology
डॉ० सुश्मिता दास
Assistant Professor, microbiology
Microbiology is MD Microbiology
MSc, Zoology and PhD in Zoology
साल 2014 को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी लेकिन केंद्र सरकार ने इस कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई की बात तो दूर इस जांच रिपोर्ट प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बीजेपी बताए कि अगर बीजेपी ने इस जांच प्रतिवेदन पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की तो वो कार्रवाई अभी तक ज्ञात क्यों नहीं है साथ ही जांच रिपोर्ट में अयोग्य पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई है?
दोनों प्रवक्ताओं ने कहा कि जद(यू) की तरफ से उठाए गए इन सारे प्रश्नों का भारतीय जनता पार्टी जवाब दे?