राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय पटना द्वारा श्रम सांख्यिकीविदों के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के सिफारिशों के तहत सर्वे का क्षेत्र-कार्य को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर हुआ संपन्न

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एन0एस0एस0ओ0), भारत सरकार द्वारा जेनेवा में ( 2 अक्टूबर 2013 से 11 अक्टूबर 2013 तक) आयोजित 19वें श्रम सांख्यिकीविदों के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के सिफारिशों के आंतरिक अध्ययन के मद्देनजर सर्वे का क्षेत्र-कार्य को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार (19-20 अक्टूबर 2023) को पटना में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण शिविर इसका मुख्य उद्धेश्य – 19वी आईसीएलएस के सिफारिशों के तहत् श्रम बाज़ार पर सूचना-संग्रहित करने की संभावना का पता लगाना रहा। इसके लिए अंतरिक अध्ययन हेतु पायलट सर्वे किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन एन. संगीता, उप महानिदेशक ने किया। प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए उपमहानिदेशक ने कहा कि जेनेवा में आईसीएलएस के 19वें सम्मेलन के सिफारिशों के अनुसार श्रम बाजार पर सूचना संग्रह करने की संभावनाओं का पता लगाना है और संग्रहित आंकड़ों का विश्वव्यापी तुलना करने का उपकरण तैयार करना है। प्रत्येक 5 वर्षों के बाद अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के तत्वावधान में आईसीएलएस पर सम्मेलन होता है। पिछला सम्मेलन 2018 ई0 में हुआ था जिसमें श्रम सांख्यिकी के माप हेतु विभिन्न मानकों के लिए एक मार्गदर्शिका तैयार किया गया था। श्रम का अल्प उपयोग पर भी पायलट सर्वे होना है। शिविर में सम्बधित प्रश्नावलियों पर डी.एन.प्रसाद वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी ने विस्तृत चर्चा की। फील्ड में जाकर सर्वे प्रगणकों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
शिविर को परिमल, उपनिदेशक और अभिषेक गौरव, सहायक निदेशक ने भी संबोधित किया। इस शिविर में गया और भागलपुर के सांख्यिकी अधिकारियों के अलावे पटना कार्यालय के वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी बी.एन.प्रसाद, एस.के.झा, देवेन्द्र कुमार, मनोज गुप्ता, कमलेश गुप्ता, जितेन्द्र राय, मंजुषा, गोपाल कुमार सिंह एवं लगभग 50 प्रशिक्षु उपस्थित थे। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एन0एस0एस0ओ0), भारत सरकार को वर्ष 1950 से एन0एस0एस0ओ0 के विभिन्न दौर में वैज्ञानिक प्रतिदर्श प्रक्रिया अपना कर समाजार्थिक आंकडें एकत्र करने का दायित्व सौंपा गया है।
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