राबड़ी देवी का शासनकाल महिला सशक्तिकरण का काल नहीं था बल्कि, लालू परिवार का महिला सशक्तिकरण का काल था: जद (यू0)

ऋषिकेश पांडे/जद (यू0) विधान पार्षद सह मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा और प्रदेश प्रवक्ता सुश्री अनुप्रिया ने मीडिया में जारी बयान में कहा कि आज विधानपरिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी द्वारा किए गए राजनीतिक अशोभनीय व्यवहार लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। दुखद पक्ष ये है कि विपक्ष की नेता राबड़ी देवी, जो राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री भी रही हैं वो सदन के कार्य संचालन नियमावली का भी अनुपालन नहीं करती हैं।
यह एक सामान्य परंपरा है कि सदन के नेता जब अपना मंतव्य देते हैं तो असहमति के बीच भी विपक्ष भी अपना स्थान पर बैठा रहता है दूसरी ओर जब विपक्ष के नेता अपनी राय व्यक्त करते हैं तो सत्ता पक्ष के लोग भी अपने स्थान पर बैठे रहते हैं।
आज जब माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने सच का आइना दिखाया तो लोकतांत्रिक मूल्यों को राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शर्मसार कर दिया। माननीय मुख्यमंत्री ने सभापति से साल 2005 के पहले बिहार की अद्यतन स्थिति और नवंबर 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद की अद्यतन स्थिति की जो रिपोर्ट छपवाकर और बंटवाने का अनुरोध किया है इसके लिए वो बधाई के पात्र हैं।
अगर हिम्मत है राजद इन प्रश्नों का जवाब दे –
1.क्या पुलिस बल में बेटियों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी?
2.क्या बेटियां राबड़ी देवी के शासनकाल में साइकिल से विद्यालय जाती थीं?
3.क्या राबड़ी देवी शासनकाल में बेटियों को शैक्षणिक सुविधा के लिए छात्रवृत्ति, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी समतुल्य योजनाओं का लाभ मिलता था?
4.क्या राबड़ी देवी शासनकाल में बेटियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा मिलती थी?
5.क्या राबड़ी देवी के शासनकाल में पंचायती राज में महिलाएं नजर आती थीं?
6.क्या राबड़ी देवी शासनकाल में 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ था?
7.क्या ये सच नहीं है कि महिला सशक्तिकरण जैसा कोई विषय राबड़ी देवी के शासनकाल के दौरान नहीं रहता था और केवल और केवल परिवार के सशक्तिकरण का माॅडल चला?
8.क्या ये सही है कि देश की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने बिहार को महिला सशक्तिकरण का रोल माॅडल माना है?