
मुकेश कुमार/नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने आवास 01 पोलो रोड पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एसआईआर को लेकर सभी विपक्षी दलों ने लोकसभा ,राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद सहित सदन, सड़क से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक जो न्याय की लड़ाई लड़ी ,उसमें सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम फैसला आया है यह संविधान,लोकतंत्र , विपक्षी दलों की एकता संघर्ष और बिहार के लोगों की एकजुटता की जीत है।
जो मांग हम लोग करते रहे, हमारी मांगों पर मुहर लगाने का काम सर्वोच्च न्यायालय ने किया है। यह बेहद सही निर्णय है और इससे लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिलेगी ।साथ ही बिहार के लोगों को जिनके 65 लाख से अधिक के नाम काट दिए गए थे उन सभी के संबंध में पूरी जानकारी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार चुनाव आयोग बुथवार और मृतकों, स्थानांतरित लोगों के साथ-साथ जिनका ट्रेसलेस में या रिपीटिंग में नाम डाल दिया गया था उन सभी की जानकारी भी उपलब्ध कराएगी। साथी इसमें आधार कार्ड को भी शामिल करने का निर्णय हुआ।
सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह सभी नामों को वेबसाइट पर अपलोड करें ,और इसके लिए विज्ञापन भी जारी करें ।
इन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से चुनाव आयोग को करारा जवाब मिला है साथ ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर जो काम किया जा रहा था।उससे भाजपा के लोगों को भी यह समझ में आ गया कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सब कुछ इन दोनों के अनुसार नहीं हो सकता है।
इन्होंने आगे कहा कि हम लोग एसआईआर की प्रक्रिया पर और चुनाव आयोग के द्वारा मामले को छुपाए जाने और जिस तरह से वोटर लिस्ट में 65 लाख से अधिक लोगों के नाम हटा दिए गए थे। और लोगों को डिटेल उपलब्ध कराने से चुनाव आयोग इनकार कर रहा था इस निर्णय से दूध का दूध पानी का पानी हुआ है।
इन्होंने कहाकी एसआईआर कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के बाद हमने 27 जून को इस मामले को उठाने का काम किया था और इस संबंध में सभी दलों के नेताओं को पत्र भी लिखा था ,भाजपा को छोड़कर । भाजपा को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कभी भी विश्वास नहीं रहा है।
इन्होंने कहा कि इस निर्णय पर हम सभी विपक्षी दलों को जो इस संघर्ष और लड़ाई में बिहार के लोगों के साथ खड़े रहे उनका धन्यवाद करते हैं । जिसमें कांग्रेस पार्टी,समाजवादी पार्टी ,सीपीआई, सीपीआई एम, भाजपा माले, टीएमसी, डीएमके,शिवसेना, एनसीपी शरद पवार, झामुमो, वीआईपी, पार्टी के नेताओं को बधाई दी और साथ ही योगेन्द्र यादव जी और उनकी टीम सहित सभी अधिवक्ताओं को भी धन्यवाद दिया ।इन्होंने कहा कि इस लड़ाई में श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी, श्री मल्लिकार्जुन खरगे, श्री अखिलेश सिंह यादव, श्री शरद पवार, ममता बनर्जी, श्री एम के स्टालिन,का डी राजा, का दीपांकर भट्टाचार्य, श्री हेमंत सोरेन,का एम ए बेबी, श्री उद्धव ठाकरे, श्री मुकेश सहनी विपक्षी दलों के सभी नेताओं को इस लड़ाई और आंदोलन में साथ खड़े रहने के लिए सभी को बधाई और शुक्रिया कही ।
श्री तेजस्वी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से यह स्पष्ट हो गया की चुनाव आयोग बेईमानी, धांधली और चोरी करके तथ्यों को छुपा रही थी, लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश से सच्चाई सामने आ गया की किस तरह से चुनाव आयोग कार्य कर रहा था। हम इस बात पर भी निगाह रख रहे हैं कि कौन-कौन पदाधिकारी ने किस किस तरह से कार्य किए हैं। हम इस तरह के गलत कार्यों का पोल खोलते रहेंगे। हमने जब बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय सिन्हा , एनडीए की सांसद श्रीमती बीना देवी, जदयू के एमएलसी श्री दिनेश सिंह, मुजफ्फरपुर की मेयर सहित भाजपा के नेताओं के दो-दो एपिक के मामले को जब सामने लाया तब भी चुनाव आयोग चुप्पी साधे रहा। सच और सच्चाई लाने के लिए सभी सोशल मीडिया युटुब के पत्रकार बंधुओ के साथ अजीत अंजुम जी और उनके जैसे जांबाज अन्य पत्रकारों का मैं धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने लोकतंत्र को बचाने में अपनी महती भूमिका निभाई ।और बिहार जो लोकतंत्र की जननी रही है, किस तरह से लोकतंत्र को समाप्त करने की साजिश रची गई थी यह सभी लोगों ने उजागर किया।
इन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मुहर से यह स्पष्ट हो गया कि किस तरह से साजिश और षड्यंत्र किए गए थे । इस बार चुनाव में एनडीए की करारी हार होगी, क्योंकि इन्होंने बिहार के लोगों को अपने राजनीतिक हित के लिए चुनाव आयोग के माध्यम से उन्हें परेशान किया। लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए बिहार के लोगों ने अपनी एकजुटता से ये स्पष्ट कर दिया की बिहार के लोग लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। और एक बिहारी सब पर भारी है।
इन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए किस तरह का खेल खेला जा रहा था माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जब मृतकों ने अपने जीवित होने का सबूत माननीय न्यायाधीश के सामने दिया, तो इसे ही स्पष्ट हो गया की किस तरह से चुनाव आयोग ने कार्य किया है। इतना ही नहीं हमारे राघोपुर क्षेत्र के लोगों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष लोकसभा श्री राहुल गांधी जी के समक्ष सच और सच्चाई लेकर जब लोग पहुंचे कि हमें मृतकों की सूची में चुनाव आयोग ने शामिल किया है, लेकिन हम जीवित हैं तब पूरे देश और दुनिया ने देखा कि बिहार में किस तरह लोकतंत्र को कमजोर करने की कार्रवाई की जा रही है।
इन्होंने आगेकहा कि सूत्रों के हवाले से घुसपैठियों का प्लांट खबर चलवाई गई और किस तरह से हमारे बारे में मीडिया ट्रायल चलाया गया और व्यक्तिगत हमले किए गए यह सभी लोगों ने देखा है। 9 जुलाई के बिहार बंद में श्री राहुल गांधी समेत इंडिया महागठबंधन के सभी नेताओं ने शामिल होकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए संकल्पों को आगे बढ़ाने का काम किया। इन्होंने आगे कहा कि जब बुथवार लिस्ट सामने आएगा, तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। जिस तरह से अमित शाह ने घुसपैठिए के नाम पर राजनीति की उसका भी पोल खुल गया। क्योंकि चुनाव आयोग ने अपने हलफनामा में एक भी घुसपैठियों की बात नहीं कही। हां बिहार में गुजरात के घुसपैठ की आवश्य आ गए। और जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी भीखू भाई दिलसानिया का पटना में वोटर लिस्ट में नाम दर्ज हुआ इससे स्पष्ट हो गया कि भाजपा किस तरह का चुनाव में खेल खेल रही है क्योंकि 2024 के चुनाव में इन्होंने गांधीनगर में वोट दिया था। इन्होंने आगे कहा कि 17 अगस्त से रोहतास से राहुल गांधी जी और महागठबंधन के सभी नेता वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगे और लोगों को सच्चाई बताएंगे।
क्षइस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में बिहार विधान परिषद के पुर्व उपसभापति डॉ रामचंद्र पूर्वे, पूर्व मंत्री मो इसराईल मंसूरी, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ,डॉ उर्मिला ठाकुर, विधायक इजहार असफी , श्री ऋषि यादव और विनोद श्रीवास्तव उपस्थित थे।