ठाकुरगंज : नेपाल में बारिश का असर: बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि, तटीय इलाकों में बाढ़ की आशंका

किशनगंज,31 मई(के.स.)। फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज–दिघलबैंक सीमा से होकर बहने वाली बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि दर्ज की गई है। यह स्थिति नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश का असर मानी जा रही है। शनिवार को नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता देखा गया, जिससे मिरभिट्ठा, सिमलबाड़ी समेत आसपास के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है।
पानी नदी के किनारों तक पहुंचा, ग्रामीणों में चिंता
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, बूढ़ी कनकई नदी का पानी अब किनारों तक पहुंच चुका है और कुछ जगहों पर बहाव तेज हो गया है। मिरभिट्ठा व सिमलबाड़ी जैसे गांव पूर्व में भी नदी कटाव और बाढ़ की चपेट में रह चुके हैं, ऐसे में लोग आशंकित हैं कि यदि बारिश का यही सिलसिला जारी रहा तो भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रशासन सतर्क, स्थिति पर नजर
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशासन द्वारा नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। संभावित खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा तटीय गांवों को सतर्क रहने की अपील की गई है। हालांकि अभी तक किसी गांव से विस्थापन की सूचना नहीं है, पर पूर्व तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों की मांग: कटावरोधी कार्य तेज किया जाए
ग्रामीणों ने प्रशासन से कटावरोधी कार्यों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है, ताकि नदी के किनारे बसे गांवों को संभावित नुकसान से बचाया जा सके। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आगामी दिनों में स्थिति भयावह हो सकती है।
प्रशासन द्वारा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी जारी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती चिंता को देखते हुए बाढ़ पूर्व राहत और बचाव उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
गौर करे कि बूढ़ी कनकई नदी हर वर्ष मानसून के दौरान क्षेत्र के कई गांवों के लिए संकट बन जाती है। समय रहते सतर्कता और तैयारी ही इससे संभावित नुकसान को कम कर सकती है।