किशनगंज : रमजान उल मुबारक का पवित्र महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर-मुजाहिद आलम

भारत में माह ए रमजान का हुआ आगाज़, रविवार से तरावीह शुरु, सुबह से पहला रोजा।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, रविवार से रमजान का पहला रोजा शुरू हो गया है। रमजान उल मुबारक का पवित्र महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर है। इस मुबारक महीना में नफल नमाज का सवाब फर्ज नमाजों के बराबर है और एक फर्ज नमाज का सवाब 70 फर्ज नमाजों के बराबर होते हैं। यह बातें कोचाधामन के लोकप्रिय पूर्व विधायक सह जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने कहीं। उन्होंने कहा कि अल्लाह तबारक व ताअला ने रोजा हर मुसलमान मर्द औरत आकील व बालिग पर फर्ज किया है। रमजान के पवित्र महीना को तीन अशरा (हिस्सा) में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत का, दुसरा मगफिरत का और तिसरा जहन्नुम से आजादी का है। अल्लाह तबारक व ताला फरमता है कि जब मेरा रोजेदार बन्दाह रमजानुल मुबारक के पवित्र महीना में रोजा रखता है, और शाम को इफ्तार करता है, तो मैं खूद उसे इसका सिला देता हूं, और सिला यह है कि वह मुझे पा लेता है और वह मेरा हो जाता है। इस मुबारक महीना में अल्लाह के राह पर जो व्यक्ति एक रुपया खर्च करेगा उसे 70 रुपये खर्च करने के बराबर सवाब मिलेगा। श्री आलम ने कहा कि इस मुकद्दस महीना के बारे में अल्लाह तबारक व ताला फरमाता हैं कि रोजा मेरे लिए है। इस का जजा (बदला) मैं खूद हूं। हमारे प्यारे आका हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम का फरमान है कि रमजान मेरे उम्मतों का महीना है। इस लिए अल्लाह तबारक व ताला मेरी उम्मत की अमल का बदला 70 गुणा बढ़ा देते हैं। पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लाल्लाहु अलैहे व सल्लम ने फरमाया है कि जब रमजान का महीना आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते है, और जहन्नुम के दरवाजे को बंद कर दिए जाते है। शयतान को जकड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि रमजानुल मुबारक के महीने में कुरान ए पाक नाजिल किया गया, इसी वजह से रमजानुल मुबारक के महीने को रब ताला कि बंदगी के लिए तरबियत का महीना करार दिया गया है। नफ्स खाने-पीने और जिन्सी ख्वाहिशात को उकसाता है तो एक मोमिन अपने नफ्स की ख्वाहिशात को पूरा करने के बजाय अल्लाह तबारक ताअला के हुक्म कि तामील करता है। वह शहरी के बाद से लेकर सूर्यास्त तक अपनी ख्वाहिशात को रोकता है, और सूर्यास्त से शेहरी तक उन जायज ख्वाहिशात को पूरा करता है। पूरा महीना ऐसा करके वह अपने नफ्स को अल्लाह तबारक व ताअला की हुक्म की पैरवी के लिए तैयार करता है।