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किशनगंज : ओवरलोड का परिवहन और एंट्री का खेल जिले में लगातार जारी

सरकारी राजस्व पर रोज लाखो करोड़ो रूपये का इंट्री माफियाओ द्वारा डाला जा रहा डाका

किशनगंज, 19 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिला के ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर, डे मार्केट पौवाखाली रूट से होकर बालू लदे तथा बेडमिसाइल लदे ओवरलोड ट्रकों, डंपरो का परिचालन करवा कर इंट्री माफिया सरकारी राजस्व को लाखों का चूना लगा रहे हैं। गौरतलब हो कि लगातार बंगाल से बिहार में एंट्री का खेल चल रहा है जो की ओवरलोड का हब अभी चक्करमारी चेक पोस्ट बना हुआ है जो बिहार और बंगाल को जोड़ती है और यह चेक पोस्ट बंगाल में स्थित है। मौका देखते ही इंट्री माफिया के गुर्गे सक्रिय होकर चक्करमारी चेकपोस्ट से धरल्ले से ओवरलोड डंपर का परिचालक बिहार में करवाना शुरू कर देते हैं इसके लिए इंट्री माफिया पहले सिग्नल का इंतजार करते हैं और सिग्नल मिलते ही बंगाल बिहार एंट्री का खेल शुरू हो जाता है। एंट्री का खेल जिले भर में किस तरह से होता है यह बताने की जरूरत नहीं है यह तो जग जाहिर है लेकिन कई रूट इसका जीता जागता उदाहरण है जैसे कि ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर धरल्ले से ओवरलोड डंपर का परिचालन होता है। डे मार्केट पौआखाली रूट पर भी ओवरलोड वाहनों का परिचालन होता है। सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी डायमंड कोड के सहारे ओवरलोड के एंट्री का खेल जिले भर में धरल्ले से चल रहा है अब यह जांच का विषय बना हुआ है कि आखिर डायमंड कोड किसका है जिसके सहारे जिले भर में ओवरलोड वाहनों का परिचालन बेरोकटोक चल रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले एक साल से रोज इंट्री का खबर प्रकाशित किया जाता है पर कार्रवाई जीरो। तभी न इंट्री माफिया बिना किसी डर के जिले में ओवर लोड ट्रक कन्टेनर का इंट्री करवाकर सरकारी राजस्व पर चुना लगा रहे है। स्थानीय कई लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार के अधिकारी ही नही चाहते कि ओवर लोड बंद हो। पलीता उनके अधिकारी और कर्मचारी हीं लगा रहे है। उनकी लापरवाही के कारण हीं नीतीश कुमार की सुशासन की सरकार पर लोग सवाल खड़ा कर रहें हैं। सरकार को चाहिए अविलंब ओवरलोड पे कार्रवाई कर इंट्री पर रोक लगाए ताकि राजस्व का क्षति न हो और लोग आराम से सड़कों पर चल सके।

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