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श्री राम की मूर्ति की पहली झलक आई सामने, नवग्रह पूजन के साथ शुरु हुआ चौथे दिन का अनुष्ठान

राममंदिर के गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला की इस 51 इंच की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। उनके सिंहासन के ठीक आगे विराजमान रामलला स्थापित होंगे

दिल्ली डेस्क/धर्मेन्द्र सिंह, श्रीराम मंदिर के गर्भगृह से रामलला की नई मूर्ति की पहली झलक सामने आई है। सोशल मीडिया पर रामलला की नई मूर्ति की तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें रामलला की श्यामल रंग (काला) की प्रतिमा के सबसे पहले दर्शन करके लोग भी भाव विभोर हो गए। नई मूर्ति की आंखों पर पट्टी बंधी गई है। जो प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को खोली जाएगी। गुरुवार को ढकी मूर्ति का पूजन किया गया था। रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। पूजन के क्रम में ही राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास और गंधाधिवास हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रामलला के नवनिर्मित मंदिर में अचल विग्रह की स्थापना के साथ विराजमान रामलला को भी पूजित-प्रतिष्ठित किया जाएगा। राममंदिर के गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला की इस 51 इंच की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। उनके सिंहासन के ठीक आगे विराजमान रामलला स्थापित होंगे। वे मंदिर में चल मूर्ति यानी उत्सव मूर्ति के रूप में पूजित होंगे। गुरुवार को ही उत्सव मूर्ति को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया। फिलहाल उत्सव मूर्ति को यज्ञमंडप में विराजित किया गया है। राम मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की मूर्ति 4 फीट 3 इंच की है। इस मूर्ति को काले रंग के पत्थर से बनाया गया है। जिस पर जल, दूध, मिट्टी, सिंदूर किसी चीज का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कोई चीज मूर्ति के रंग को फीका नहीं कर पाएगी। मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है। रामलला की 5 साल के बाल स्वरूप की भी मूर्ति बनाई गई है। जिसमें रामलला कमल के फूल पर खड़े हैं। एक हाथ में धनुष और बाण है। बड़ी-बड़ी आंखें, घुटनों तक लंबी भुजाएं, सुंदर मस्तक और भव्य ललाट है। भगवान के इस विग्रह को रामभक्त करीब 25 फीट की दूरी से निहार पाएंगे। गौर करे कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज चौथा दिन है। दिन की शुरुआत राम मंदिर में सुबह 9 बजे पवित्र अग्नि प्रज्ज्वलन के साथ हुई। जिसके बाद नवग्रह की स्थापना हुई और हवन किया गया। आज राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई रामलला की मूर्ति को ‘औषधिवास’ (निवास), ‘केसराधिवास’ (भगवा निवास), ‘धृतशिवस’ (धृत निवास) और पुष्पाधिवास कराया जाएगा।

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