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किशनगंज : जिस तरह से लोगों ने जनता कर्फ्यु में साथ दिया है, उसी तरह से लॉकडाउन का भी साथ देना होगा-पुलिस कप्तान कुमार आशीष

किशनगंज कृपया लॉक डाउन को पूर्ण समर्थन दें।बेहद जरूरी हो तभी बाहर निकलें।ये आपकी और हमारी सुरक्षा के लिए है।इसे कदापि छुट्टी न समझे।अपने मित्रों के यहां न जाएं और न उन्हें आमंत्रित करें।लॉक डाउन की कड़ाई से पालन करने में सरकार को सहयोग दें:-पुलिस कप्तान किशनगंजकिशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, तमाम जागरूकता के बाद भी लोग घर से बाहर निकल रहे हैं, लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति ना तो चिन्ता सता रही है, ना परिवार के प्रति, ना देश के प्रति चिन्ता है।बस कोई ना कोई बहाना बनाकर घर से पैदल, मोटरगाड़ी से, मोटरसाइकिल से, ई-रिक्शा से भीड़-लगाना शुरु कर देते हैं।मैं जब कल और आज कई जगहों का भ्रमण किया तो देखकर हैरान हो गया की किशनगंज के लोग सेहद के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे।जरुरी काम बहाना बनाकर, झुठी दलील देकर भीड़ खड़ा कर रहे हैं।बार बार समझाने बाद भी चाहे वह टीवी के माध्यम से हो, सोशल साइट के माध्यम से हो, संचार के माध्यम से हो, माउथ के माध्यम से हो की कोरोना वायरस लाइलाज बिमारी है।छुआ-छुत की बीमारी है, एक दुसरे से सटने की बीमारी है के वावजूद लोगों का मानसिकता बदल नहीं रही है।घोर आश्चर्य एवं चिन्ता की विषय है।लोग इसे हल्के में ले रहे हैं।लॉकडाउन के बाद भी सरकार के गाइड लाइनों के वावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं।जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, मिडियाकर्मियों अपने जान की परवाह ना करते हुए इस कोरोना वायरस के बचने-बचाने के मुहिम में लगे हुए हैं, वावजुद कुछ दुकान, कुछ लोग इस कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे है।शायद लगता है की लात के भुत बात से नहीं मानेगें।जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाने पर मजबुर किया जा रहा है।और जब मैं किशनगंज में कल और आज का दृश्य स्वयं देखा, हमारे संवाददाताओं ने बाजारों की, रेलवे हत्ते की, जब कुछ तस्वीर भेजें तो लगा की अब जिला प्रशासन को एक्शन में आना होगा।कारवाई करना होगा।तभी जाके ऐ लोग सुधरेगें।मैं कुछ आपको तस्वीर दिखा रहा हुँ की कैसे मोबाइल बेचने वाले दुकानदार, कैसै पान वाले दुकानदार, कैसे चाय वाले दुकानदार, कैसे पानीपुरी वाले दुकानदार लॉकडाउन का मजाक बनाये हुए है।मैं फिर एक बार बताना चाहुँगा, देश के प्रधानमंत्री की बात करना चाहुँगा, राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बात करना चाहुगाँ, जिला प्रशासन की बात कहना चाहूंगा कि कोरोना वायरस से डरना नहीं, इससे लड़ना और अपनो को बचना एवं बचाना है।जिस तरह से लोगों ने जनता कर्फ्यु में साथ दिया है, उसी तरह से लॉकडाउन का भी साथ देना होगा।मैं तो अब जिला प्रशासन से कहुँगा की जो बिना मतलब का मोटरसाइकिल लेकर, ई-रिक्शा लेकर, चारपाहिया वाहन लेकर और जो पान, चाय, मोबाइल, नास्ता का दुकानदार लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे है उसके साथ सख्ती से पेश आकर फाइन करें।हलांकी शिकायत मिलने पर स्थानीय प्रशासन हरकत में आई, और खुद जिला पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने मोर्चा को संभाला।आपको मालूम हो कि जिले के कई बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला पुलिस कप्तान को उतरना पर रहा है, ऐसा क्यों ? आखिर इतना बताने और सुनने देखने के बावजूद भी लोग मानने को तैयार क्यों नही हो रहे है।अरे अपना नही तो कम से कम अपना परिवार बच्चे के बारे में सोचें।आप मेरा बात को गौर करे कि लॉकडाउन’ का मतलब है ज़रूरी सेवाएँ उपलब्ध रहेंगी।‘कर्फ़्यू’ का मतलब है सब कुछ बंद रहेगा। लॉकडाउन का पालन नहीं होगा तो पंजाब की तरह कर्फ़्यू लगाना पड़ेगा।चुनना आपको खुद है कि आप क्या चाहते हैं।इसलिए सरकारी आदेश का पालन करिए।ताकि बिहार सरकार को मजबूरन कर्फ्यू ना लगाना पड़े।इस विषम परिस्थिति में सरकार और प्रशासन का सहयोग करिए।

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