भाकपा ने किसानों के धरना और मजदूरों के महापड़ाव का किया समर्थन…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद =पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ने अगस्त क्रांति के मौके पर नौ अगस्त को अखिल भारतीय किसान सभा सहित विभिन्न किसान संगठनों के बैनर तले बिहार को सुखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालयों पर आयोजित धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। साथ ही एटक सहित केंद्रीय मजदूर संगठनों के आह्वान पर पटना में आयोजित महापड़ाव में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेने की अपील की है। किसानों और मजदूरों की मांग जायज है। केंद्र की भाजपा सरकार किसानों और मजदूरों के अधिकारों पर लगातार कटौती कर रही है।
भाकपा राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि बिहार को सुखाग्रस्त घोषित किया जाए और केंद्र बिहार को विशेष पैकेज दे। बिहार में बारिश नहीं होने से धान की रोपनी नहीं हुई। बिहार में लगातार दूसरे साल सूखा पड़ा है।किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। खेती पूरी तरह चौपट हो गई है।किसानों और खेत मजदूरों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है। केंद्र सरकार बिहार के किसानों का कर्ज माफ करें।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कहा था कि2022 तक किसानों की आमदनी दो गुनी हो जाएगी, किसानों की आमदनी तो दोगुनी तो नहीं हो पाई है।परंतु कृषि की लागत बढ़ गई है। केंद्र सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी करें।सस्ते दरों पर किसानों को खाद,बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराई जाए। किसान संगठनों ने21 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। किसानों की मांग जायज है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सभी मांगों का समर्थन करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कारपोरेट लूट को बेरोकटोक जारी रखने और देश के ऊपर थोपे जा रहे विघटनकारी सांप्रदायिक नीतियों और मोदी राज द्वारा पैदा की गई चरम महंगाई, बेकारी के खिलाफ 14 सूत्री मांगों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 9 अगस्त को पटना में मजदूर महापड़ाव की घोषणा की है।