केंद्र सरकार गरीबों की हकमारी कर पूंजीपतियों के हाथों गेंहू बेच रही है, खुले बाजार में 18.09 लाख टन गेहूं बेचा…
कुनाल कुमार –26 सितम्बर 2023 पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों की हकमारी कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से खुले बाजार में गेहूं बेच रही है जिससे आटे की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।आने वाले दिनों में और महगांई बढ़ेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रत्येक लाभार्थियों को प्रत्येक महीने पांच किलो अनाज देने का प्रवधान है जिसमें तीन किलो चावल और दो किलों गेहूं की आपूर्ति करने की व्यवस्था की गई है, लेकिन मोदी सरकार प्रति लाभार्थी एक किलों की दर से ही गेहूं की आपूर्ति कर रही है और गेंहू खुले बाजार में पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केंद्र सरकार द्वारा लाभार्थियों को गेहूं देने के बजाए खुले बाजार में बेचने की निंदा करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को पूर्व की भांति प्रति यूनिट दो किलों गेहूं की आपूर्ति करने की मांग करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 13 ई- नीलामी में थोक ग्राहकों को केंद्रीय पूल से 18.09 लाख टन गेहूं बेचा है। गेहूं 2125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य पर बेचा गया है, जो मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर है। थोक ग्राहकों के हाथों गेंहू बेचे जाने के कारण आने वाले दिनों में गेहूं के आटे की कीमत और बढ़ेगी। जिसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूंजीपतियों के हाथों गेंहू बेचे जाने के कारण सरकार को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। इसलिए केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हाथों गेहूं बेचने के बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को ही गेंहू की आपूर्ति करें ताकि गरीबों को बाजार से आटा नहीं खरीदना पड़े।