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3 वर्षों से लंबित राशि डीबीटी (DBT) से होगी ट्रांसफर, अब छात्रों को मिलेगी साइकिल

तीन वर्षों लंबित मामले का निष्पादन राशि ट्रांसफर के जरिये किया जाएगा, वर्तमान सत्र में आठवीं कक्षा में पढ़ाई करे रहे बच्चों को साइकिल देने का लिया गया निर्णय


रांची : सरकारी विद्यालयों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए राहत भरी खबर है। पिछले तीन वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में वैसे छात्र जिन्हें साइकिल योजना का लाभ नहीं मिला है उनके खाते में 15 नवंबर तक 4500 रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से शिक्षा विभाग ने भेजने का निर्णय लिया है। इसे लेकर गुरुवार को हुई बैठक में न सिर्फ चर्चा की गई बल्कि विभिन्न विद्यालयों से प्राप्त छात्रों के नाम, पता और बैंक अकाउंट की सूची के बारे भी जानकारी दी गई। बताया गया कि तीन वर्षों लंबित मामले का निष्पादन राशि ट्रांसफर के जरिये किया जाएगा जबकि वर्तमान सत्र में आठवीं कक्षा में पढ़ाई करे रहे बच्चों को राशि न देकर साइकिल देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए कार्ययोजना दोबारा तैयार की गई है। जिसमें जिला कल्याण पदाधिकारी व झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना के पदाधिकारियों को कार्यभार सौंपा गया है। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कुल 366 करोड़ रुपये की राशि छात्र छात्राओं के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

दरअसल वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए टेंडर नहीं हो पाने के कारण बच्चों को साइकिल नहीं दी गई थी। जिसके चलते आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं मिल पाई थी। उस समय आठवीं में पढ़ने वाले छात्र अब नौवीं, दसवीं और 11वीं कक्षा में हैं। इन वंचित छात्रों को साइकिल के बदले पैसे देने का फैसला लिया गया है। वहीं दूसरी ओर सामान्य कोटि के छात्र छात्राओं की भी सूची सौंपी गई है। जिले से झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना के पदाधिकारियों ने विभागीय उच्च पदस्थों को भेज दिया है। जिले के विभिन्न स्कूलों से चार वर्षों के लिए औसतन 550 सामान्य कोटि के छात्र छात्राओं की सूची विभाग को सौंपी गई है।

वर्तमान सत्र के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरु :
राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के 8.15 लाख छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में साढ़े चार हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर पंचायतों के तीन किमी की परिधि में मिडिल स्कूल और पांच किमी की परिधि में हाईस्कूल होंगे। आठवीं पास कर बच्चों को हाईस्कूलों में जाना पड़ता है, ऐसे में जरुरतमंद बच्चों को साइकिल दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए सरकार साइकिल खुद खरीदेगी। इसके लिए खुली निविदा की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

विद्यार्थियों ने ये कहा :

अब तक साइकिल योजना का लाभ नहीं मिला है। पिताजी पूजा पाठ कराकर घर परिवार चलाते हैं। प्रतिदिन 5 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल आते हैं। काफी परेशानी हो रही है।
: सतीश कुमार, छात्र।

पिछले कई दिनों से साइकिल दिए जाने की चर्चा तो हो रही है लेकिन इस योजना का लाभ अब तक नहीं मिला है। यदि साइकिल मिल जाएगी तो आने जाने की समस्या का समाधान हो जाएगा।
: सचिन कुमार पाठक, छात्र।

साइकिल मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रतिदिन स्कूल आने में काफी परेशानी होती है। स्कूल से घर की दूरी अधिक होने के कारण कभी कभार तो विलंब भी हो जाता है।
: अनिल चौधरी, छात्र।

स्कूल आने के लिए प्रतिदिन सिटी बस पर सवार होना पड़ता है और 40 रुपये खर्च हो जाता है। साइकिल मिल जाने से इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
: सोनू कुमार, छात्र।

बजरा से 6 किमी की दूरी तय कर प्रतिदिन आटो से स्कूल आते हैं। आने जाने में काफी समय बीतने के साथ साथ परेशानी भी होती है। साइकिल मिल जाने के बाद आसानी होगी।
: आलोक कुमार ओझा, छात्र।

स्कूल आने के लिए प्रतिदिन 60 रुपये खर्चने पड़ते हैं। कांके प्रखंड से स्कूल आते हैं। यदि हमें साइकिल मिल जाएगी तो बेशक सहुलियत होगी और ससमय स्कूल भी पहुंच जाएंगे।
: रोहित, छात्र।

15 नवंबर तक हर हाल में तीन वर्षों से लंबित मामले का निष्पादन किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों के छात्रों को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से 4500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। जबकि वर्ष 2023-24 के छात्रों को साइकिल दी जाएगी।
: संगीता शरण, जिला कल्याण पदाधिकारी रांची।

जिले के सभी विद्यालयों से सामान्य वर्ग के छात्रों की सूची मंगाई गई है। जिसे अग्रेतर कार्रवाई के लिए विभाग के उच्च पदस्थों को भेजा गया है। उम्मीद है जल्द ही सभी बच्चों को साइकिल योजना का लाभ मिलेगा।
: कौशल किशोर, एडीपीओ, शिक्षा विभाग रांची।

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