बिहार कृषि सेवा कोटि-01 (शष्य) वर्ग-2 के पदाधिकारियों का 15 दिवसीय प्रवेशकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन।…
हमें सकारात्मक सोच से किसानों का सहयोग करना होगा पहले एक अच्छा किसान बनना होगा, तभी एक अच्छे पदाधिकारी बनेंगे

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा बिहार कृषि सेवा कोटि-01 (शष्य) वर्ग-2 के पदाधिकारियों का 15 दिवसीय प्रवेशकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रशिक्षु पदाधिकारियों के बीच प्रमाण-पत्र वितरित किया गया। इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बामेती, पटना में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रशिक्षु पदाधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विषयों के संबंध में प्राप्त जानकारी पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण हेतु प्रशिक्षु पदाधिकारियों का 04 समूह बनाया गया। समूह का नाम क्रमशः मक्का, जौ, मड़ुआ और बाजरा दिया गया, यह दर्शाता है कि राज्य में मोटे/पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग दृढसंकल्पित है।
सचिव, कृषि ने प्रशिक्षु पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सकारात्मक विचारों से मोटिभेट होने किसानों के बीच जाना है। जीवन में हर दिन सीखते रहना है, जिस दिन हम सीखना छोड़ दंेगे, हम स्थिर हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि हमें सीखना क्या चाहिए घ् आप सभी अनुमंडल/सहायक निदेशक स्तर के पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र का विशेषज्ञ बनना होगा, क्योंकि किसान सबसे पहले आपसे तभी सीखेंगे जब वह समझेंगे की आपकी जानकारी का क्या स्तर है। उन्होंने प्रशिक्षु पदाधिकारियों से कहा कि पहले आपको एक अच्छा किसान बनना होगा, तभी आप एक अच्छे पदाधिकारी बनेंगे। अगर आप अपने कार्य क्षेत्र में कुछ नया और अच्छा काम करते हैं तो किसान खुद-ब-खुद सीखकर उसे अपना लेते हैं। इसलिए आपका किया हुआ नया काम गुणक का कार्य करता है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को किसान के साथ समय बिताने की सलाह दी।
सचिव, कृषि ने प्रशिक्षु पदाधिकारियों को कहा कि आप सभी को तकनीकी अर्थशास्त्र की जानकारी होनी चाहिए, तभी आप किसान को विभिन्न फसलों की लागत एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में बता सकेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग प्रयास कर रहा है कि भारतीय प्रबंधन संस्थान, बोधगया के साथ एक समझौता कर सभी प्रशिक्षु पदाधिकारियों को प्रबंधन एवं कृषि अर्थशास्त्र पर प्रशिक्षण दिया जा सके। कृषि के क्षेत्र के विकास में आप महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस अवसर पर कृषि निदेशक डॉ॰ आलोक रंजन घोष ने प्रशिक्षु पदाधिकारियों को कहा कि एक कड़ी के रूप में काम करना है। काम करते समय अहसास होना जरूरी है, ताकि उसे ठीक ढंग से किया जाये। इसलिए सचिव के निदेश के आलोक में हमें प्रतिदिन का काम, सप्ताह के लिए कार्य और महीने में किये जाने वाले कार्य को वर्गीकृत कर समय पर पूरा करने के लिए अपने-आप को तैयार रखना होगा।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्री शैलेन्द्र कुमार, उप सचिव श्री मनोज कुमार, अपर निदेशक (शष्य) श्री धनंजय पति त्रिपाठी, निदेशक, बामेती श्री आभांशु सी॰ जैन उपस्थित थे।