तेजस्वी यादव की राजनीति ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ जैसी है – उमेश सिंह कुशवाहा
मुकेश कुमार/बिहार जनता दल (यू) के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी पूरी राजनीति का चरित्र ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाली कहावत को चरितार्थ करता है। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि लालू परिवार की राजनीति का एकमात्र उद्देश्य सत्ता का उपभोग, निजी हितों की पूर्ति और अपने बेटे-बेटियों तथा कुछ खास रिश्तेदारों को राजनीतिक रूप से स्थापित करना रहा है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि जिनके पूरे परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और जो वर्षों से अदालत की चैखट पर हाजिरी देते आ रहे हैं, वे यदि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जैसे ईमानदार, संवेदनशील और बेदाग छवि वाले नेता की नीयत पर सवाल उठाते हैं, तो यह न केवल दुर्भावना है, बल्कि नैतिक दिवालियापन की पराकाष्ठा भी है।
लालू-राबड़ी के शासन में किसी गरीब का भला होना तो दूर, उल्टे नौकरी के नाम पर गरीबों की संपत्ति तक को हड़प लेने का महापाप किया गया। ऐसे लोग जब खुद को गरीबों का मसीहा बताने लगते हैं, तो इससे बड़ा मज़ाक और इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि समाजिक न्याय और गरीबों की चिंता सिर्फ इनके भाषणों में दिखाई देती है, व्यवहार और कार्यशैली में नहीं।
श्री कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव सिर्फ मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए निराधार और अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। जनहित से जुड़े किसी ठोस मुद्दे के अभाव में वे अब लोक-लाज और मर्यादा की सभी सीमाएं पार करते हुए निरंतर निम्न स्तरीय राजनीति की ओर गिरते जा रहे हैं लेकिन जनता सब जानती है, और समय आने पर इसका माकूल जवाब भी देगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लालू परिवार देशभर में परिवारवाद और घोटालों का प्रतीक है। जब भी इनके हाथों में सत्ता आई, इन्होंने गरीबों को लूटकर अपनी निजी संपत्ति बढ़ाने का ही काम किया। तेजस्वी यादव भी उसी भ्रष्ट परिपाटी को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन बिहार की जागरूक जनता इनकी असलियत भली-भांति जान चुकी है। चाहे ये जितनी भी तिकड़म अपना लें, लूट और सत्ता-लोलुपता की मानसिकता से ग्रस्त लालू परिवार को बिहार की सत्ता कभी नसीब नहीं होगी।