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स्वामी सहजानंद के सपनों को साकार कर रही है केन्द्र की नमो सरकार-सुशील मोदी।।…

 स्वामी जी के प्रयास का ही प्रतिफल था कि आजादी के बाद पहले संविधान संशोधन कर बिहार में जमींदारी उन्मूलन का कानून बना

* किसानों की जमीन पर झंडा गाड़ने और हिंसा करने वाले भी मना रहे हैं स्वामी सहजानंद की जयंती

त्रिलोकी नाथ प्रसाद स्वामी सहजानंद सरस्वती की 132 वीं जयंती पर बिहार उद्योग संघ के सभागार में आयोजित व्याख्यानमाला को सम्बोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वामी जी आजीवन किसानों के शोषण को लेकर जमींदारों के खिलाफ जातिवाद कर रहे हैं। उनके ही प्रयास का प्रतिफल था कि आजादी के बाद में पहली सरकार को गठन में पहला संशोधन कर जमींदारी उन्मूलन का कानून बना। पिछले 100 वर्षों में समय काफी बदल गया है। आज केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर स्वामी जी के सपनों को ही साकार कर रही है।

श्री मोदी ने कहा है कि जिन 3 राज्यों पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसान कृषि सुधार बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने ही 2020-21 में एमएसपी पर अब तक खरीदे गए कुल धान का आधा बेचा है। पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक एमएसपी पर करीब 17 प्रतिशत अधिक धान की खरीद हुई है। बिहार के भी करीब 5 लाख किसानों ने 6,737.61 करोड़ का 35.67 लाख मे.टन धान एमएसपी पर बेचा है। एक ओर तो किसान एमएसपी पर धान बेच रहे हैं, दूसरी ओर कुछ लोग एमएसपी खत्म होने का दुष्प्रचार कर धरना दे रहे हैं। अगर नया कृषि कानून किसानों के खिलाफ है तो इन तीन राज्यों के कुछ जिलों को छोड़कर देश के बाकी किसान आंदोलन क्यों नहीं कर रहे हैं?

पीएम किसान निधि के तहत बिहार के 80.90 लाख किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 7,503 करोड़ रुपये मिला है। एक ओर जहां किसानों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें तत्पर हैं, वहीं किसानों की जमीन पर जबरन झंडा गाड़ कर कब्जा करने, हिंसा में विश्वास करने करने वाले कुछ लोग भी आज किसान आंदोलन के प्रणेता स्वामी जी का जयंती समारोह आयोजित कर रहे हैं। रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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