किशनगंज : जिले में खसरा व रूबेला के टीका से वंचित बच्चों का हो रहा सर्वे।

माह के अंत तक वंचित बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराना लक्ष्य।
- खसरा व रूबेला आउटब्रेक का मामला सामने आने के बाद उपचार अनवरत जारी।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में खसरा व रूबेला टीका से वंचित बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिह्नित करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराया जायेगा। बीते दिनों जिले के कोचाधामन एवं दिघलबैंक प्रखंड के एक एक गांव में खसरा व रूबेला रोग से जुड़े 5 मामले सामने आने के बाद वंचित बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्ष 2023 तक देश को खसरा व रूबेल रोग से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिये खसरा व रूबेला टीका के दोनों डोज का आच्छादन 95 फीसदी से अधिक करने का लक्ष्य है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने मंगलवार को बताया कि हाल ही में खसरा व रूबैला संबंधित जिले में कुल 05 मामले सामने आये हैं। जिनका सफलता पूर्वक उपचार किया गया और वे सकुशल हैं। इसके बाद प्रभावित इलाकों में विभागीय सक्रियता के तहत उपचार अनवरत जारी है। जिले में खसरा व रूबेला के टीका से वंचित बच्चों को चिह्नित करने के उद्देश्य से सर्वे किया जा रहा है। आशा, आंगनबाड़ी व संबंधित क्षेत्र की एएनएम के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि टीकाकरण से वंचित बच्चों का फरवरी माह के अंत तक शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाना है। इसे लेकर विभागीय स्तर से जरूरी पहल की जा रही है। डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अनीसुर रहमान ने बताया कि मिजिल्स यानी खसरा से सालभर में विश्व में लाखों बच्चे की मौत होती है। वहीं रूबेला की वजह से कई महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। अगर मां बनती भी हैं तो बच्चे कई तरह की विषमता, विकलांगता, मंद बुद्धि, हृदय में छेद सहित अन्य समस्या से ग्रसित होते हैं। अररिया में ऐसे मामलों की बहुलता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 तक देश से खसरा व रूबेला के मामलों को पूर्णत: खत्म करने का लक्ष्य है। लिहाजा इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि टीकाकरण से वंचित बच्चों के सर्वे का कार्य माह के अंत तक पूरा कराया जाना है। इसके बाद शत प्रतिशत वंचित बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जरूरी दिशा निर्देश प्राप्त है। खसरा-रूबेला प्रभावित क्षेत्रों में 06 माह से 09 माह व 09 माह से 05 साल तक के बच्चों को टीका के अतिरिक्त डोज से आच्छादित किया जाना है।