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ज़मानत।…

पटना डेस्क:-निर्धन व्यक्ति अगर कोई छोटा सा भी अपराध कर

ले, तो उसका पूरा जीवन जेल में बीत जाता हैं क्योंकि

उसके पास ज़मानत के पैसे नहीं होते और वहीं दूसरी

ओर कोई धनवान व्यक्ति बड़े से बड़ा अपराध भी कर

ले,तो उस पर सुप्रीम कोर्ट भी तुरंत सुनवाई करके, उसे

अंतरिम ज़मानत तक दे देती हैं, मतलब की 1950 से

लागू व्यवस्था में सारा खेल पैसे का हैं। जिसके पास

पैसा हैं वहीं इस न्याय – अन्याय के खेल को खेल

सकता हैं और इस बात को सभी के जानने के बाद भी

कहा जाता हैं कि संविधान में सभी बराबर हैं। याद

रखिये अन्याय सहना भी, अपने आप में अन्याय करने

के समान ही हैं। अदभुत हैं कि जिन लोगों को गरीब व

शोषित बताकर, पीड़ित बनाया जाता हैं, बाद में उनके

पास न्याय पाने के लिए करोड़ों रुपया कैसे आ जाता

हैं ??? सोचा समझा हुआ ** खेला **, खेला गया

हमारें साथ, वो भी केवल सत्ता स्थापित करने के

लिए, लेकिन अंतिम विजय सत्य तो की ही होगी।

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