आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु पटना समाहरणालय में फायर सेफ्टी मॉकड्रिल का सफल आयोजन

त्रिलोकी प्रसाद प्रसाद/ पटना समाहरणालय भवन में अग्नि से होनेवाले घटना एवं आकस्मिक स्थिति से बचाव हेत सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों के लिए प्रशिक्षण / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पटना समाहरणालय में किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मॉक ड्रिल की योजना, क्रियान्वयन एवं आपदा के समय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया l
इस मॉक ड्रिल में समाहरणालय में स्थित सभी विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मियों ने भाग लिया और विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों का अभ्यास किया। इस अभ्यास के दौरान आग लगने, भूकंप, या अन्य आपदाओं से निपटने की तैयारियों को परखा गया।
इसके अलावा, भवन, संसाधनों और आत्मरक्षा से जुड़ी टीम को प्राथमिक चिकित्सा और घायलों की सहायता हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया गया। निकासी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सुरक्षित असेंबली एरिया की पहचान की गई, ताकि सभी लोग निर्धारित स्थान पर सुरक्षित पहुँच सकें। मॉक ड्रिल के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग, अस्पताल, तथा गैस/बिजली आपूर्ति कार्यालय से समन्वय स्थापित किया गया है। इसके साथ ही, आग बुझाने के उपकरणों और अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे मॉक ड्रिल को वास्तविक आपातकालीन परिस्थितियों के अनुरूप प्रभावी बनाया जा सके।
मॉकड्रिल में आग लगी के दौरान विभिन्न प्रकार के टीमों के गठन के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी गई l आग लगने जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए एक विशेष अग्नि सुरक्षा टीम का गठन किया जाएगा। इस टीम का उद्देश्य आग लगने की स्थिति में त्वरित और संगठित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना होगा, जिससे जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। इसके तहत विभिन्न श्रेणियों में टीमों का गठन किया जाएगा, जहाँ प्रत्येक समूह को विशिष्ट जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएंगी।
फायर फाइटिंग टीम का गठन किया जाएगा, जो अग्निशमन यंत्रों के कुशल उपयोग और आग बुझाने की प्रक्रिया में प्रशिक्षित होगी। राहत एवं बचाव टीम आग लगने की स्थिति में फंसे हुए लोगों की निकासी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। मेडिकल सहायता टीम को प्राथमिक उपचार और घायलों की त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इवैक्यूएशन टीम सुरक्षित निकासी मार्गों को संचालित करने और आपातकालीन निकासी प्रक्रिया को सुचारू रूप से अंजाम देने की जिम्मेदारी संभालेगी। इसके अलावा, संपर्क एवं समन्वय टीम पुलिस, अग्निशमन विभाग, अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाओं से समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगी, ताकि सहायता शीघ्र प्राप्त हो सके।
इस मॉकड्रिल के माध्यम से सुरक्षा प्रक्रियाओं को परखना और आवश्यकता अनुसार उनमें सुधार करना है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में जान-माल की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
मॉकड्रिल के सफल आयोजन पर जिलाधिकारी, पटना डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों विशेषकर अगलगी जैसी परिस्थितियों में त्वरित और संगठित प्रतिक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस प्रकार की मॉकड्रिल से सभी संबंधित कर्मियों की तत्परता और समन्वय कौशल में सुधार होता है। डीएम डॉ सिंह ने बताया कि समाहरणालय भवन में अग्नि सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक संगठित और प्रशिक्षित टीम का गठन किया जाएगा। यह टीम सुनिश्चित करेगी कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके, जिससे संभावित नुकसान को न्यूनतम किया जा सके l आने वाले समय में इसी तरह की सुरक्षा पहल को बढ़ावा देगा, जिससे आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया क्षमता को और अधिक मजबूत किया जा सके। अपर जिला दंडाधिकारी आपदा प्रबंधन को इसके लिए निर्देशित किया गया है।
मॉक ड्रिल के अंत में सभी प्रतिभागियों द्वारा प्रतिक्रिया साझा की गई और विशेषज्ञों द्वारा प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान आई कमियों को चिन्हित कर उन्हें सुधारने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए गए। जिला प्रशासन, पटना भविष्य में भी इस प्रकार के अभ्यास आयोजित करता रहेगा ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।