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किशनगंज : स्कूली छात्रों के बीच कैंप का सफल आयोजन

बच्चों में अनीमिया को रोकने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए: सिविल सर्जन

किशनगंज, 28 सितम्बर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अनीमिया का सीधा प्रभाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। आयरन की कमी के कारण बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे उन्हें बार-बार संक्रमण का खतरा रहता है। बच्चों में थकावट, चक्कर आना, कमजोरी, और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं अनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। इसी के अंतर्गत अनीमिया मुक्त भारत स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत T_3 कैंप का आयोजन आदर्श मध्य विद्यालय, पोठिया में शनिवार को किया गया। यह कैंप सीएचसी पोठिया के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यालय के बच्चों और बच्चियों में हीमोग्लोबिन का स्तर जांचकर अनीमिया की रोकथाम और उपचार सुनिश्चित करना था। अनीमिया, विशेषकर आयरन की कमी से होने वाला अनीमिया, भारत में बच्चों और महिलाओं के बीच एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों की भागीदारी रही। स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने प्रत्येक बच्चे का हीमोग्लोबिन जांचने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया, जिससे सटीक और तेज परिणाम मिले। हीमोग्लोबिन की जांच के बाद, जिन बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम पाया गया, उन्हें तुरंत आयरन सिरप और आईएफए (आयरन और फोलिक एसिड) टैबलेट्स वितरित किए गए। इन सप्लीमेंट्स का उद्देश्य बच्चों में आयरन की कमी को पूरा कर अनीमिया को दूर करना था। बच्चों में अनीमिया को रोकने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने आयोजित कार्यक्रम को सराहते हुए कहा की बच्चों में अनीमिया को रोकने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, अंडे, मांस, सूखे मेवे, और विटामिन C से भरपूर फल जैसे आंवला और संतरा, आयरन को शरीर में अवशोषित करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, स्वच्छता का ध्यान रखना भी आवश्यक है, ताकि आंतों में कीड़े जैसे परजीवी न पनपें, जो अक्सर आयरन की कमी का कारण बनते हैं। कैंप के दौरान अभिभावकों और बच्चों को अनीमिया से बचाव और उपचार के लिए आवश्यक जानकारी भी प्रदान की गई। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बताया कि आयरन सप्लीमेंट्स के नियमित सेवन के साथ-साथ संतुलित आहार और स्वच्छता की आदतें अपनाना अनीमिया के नियंत्रण में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य जांच करवाना और अनीमिया के प्रति जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है। इस कार्यक्रम के दौरान करीब 300 बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा गया और आवश्यकतानुसार आयरन सप्लीमेंट्स का वितरण किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा, इस तरह के स्वास्थ्य शिविर न केवल बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं, बल्कि अभिभावकों को भी उनके बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हैं। हम स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने हमारे विद्यालय को इस अभियान का हिस्सा बनाया। कार्यक्रम के अंत में सीएचसी पोठिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने इस प्रकार के शिविरों की निरंतरता और अनीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अनीमिया के खिलाफ यह लड़ाई समाज की जिम्मेदारी है, जिसमें हर व्यक्ति को भागीदार बनना चाहिए। नियमित जांच, सही खान-पान और चिकित्सकीय सलाह से अनीमिया की दर को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। इस तरह के आयोजन अनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। शिविर की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो समाज को इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से मुक्त किया जा सकता है।

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