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किशनगंज : जिले में टेलीमेडिसीन सेवा के लिए 264 केंद्रों में किया गया सफल ड्राई रन का आयोजन, पहले ही दिन 270 से अधिक मरीजों ने उठाया लाभ।

11 डॉक्टर और 264 एएनएम ने मिलकर अभियान को बनाया सफल।

  • बुधवार और शुक्रवार को मिलेगी यह सेवा।
  • रियल टाइम सहायता ले सकते हैं मरीज।
  • 37 प्रकार की दवा उपलब्ध कराई गई है।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में दूर दराज के ग्रामीण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने लिए सरकार द्वारा जिले के सभी वी एच एस एन डी साईट में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा का सफल ड्राई रन का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की गयी है। पहले ही दिन जिले के 270 से अधिक मरीजों ने इसका लाभ उठाया। सभी लोगों को डॉक्टरी परामर्श के बाद दवा दी गई। पहले दिन जिले के 264 केंद्रों पर सेवा की शुरुआत की गई। सभी जगहों पर कूरियर के जरिये दवा पहुंचाई गई, जिसे बाद में मरीजों की जरूरत के हिसाब से बांटी गई। घर बैठे इलाज होने से मरीजों के चेहरे पर खुशी देखी गई। साथ ही तत्काल मुफ्त में दवा मिल जाने से भी मरीजों को राहत मिली। इस सेवा को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू की गयी है। शुक्रवार को जहां बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी थी, वहां इसे चालू किया गया। आगे इसे और बढ़ाया जाएगा। सभी प्रखंड में टेली मेडिसीन टीम का गठन कर दिया गया है, जो हर बुधवार और शुक्रवार को अपनी सेवा देगी। आगे से भी डॉक्टर ऑनलाइन तरीके से मरीज से रूबरू होंगे। मरीज की डॉक्टर से बात कराने से लेकर जांच रिपोर्ट तक दिखाने की जिम्मेदारी एएनएम की होगी। मरीज की जांच रिपोर्ट व उसके द्वारा बताई गई परेशानी व लक्षण के आधार पर डॉक्टर मरीज को दवा लिखेंगे। पहले दिन 11 डॉक्टर और 264 एएनएम इससे जुड़ी रहीं। जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम समन्वयक विस्वजित कुमार ने बताया कि अब टेलीमेडिसिन के जरिये भी मरीजों का इलाज किया जाएगा। यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। कोरोना जैसी महामारी में लोगों के लिए सच में यह हब संजीवनी का काम करेगी। इस सुविधा के तहत रोगी और विशेषज्ञ चिकित्सक आपस में बात करते हैं। साथ ही ईसीजी, रेडियोलॉजिकल, नैदानिक परीक्षण सहित अन्य चिकित्सकीय जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा, रिकार्ड भेजने और आईटी आधारित हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सहायता से मिलेगी।जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की टेलीमेडिसीन की स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए मरीजों को अपने नजदीकी चयनित स्वास्थ्य संस्थान पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद वहां तैनात एएनएम स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल के माध्यम के टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा की सुविधा दिलाएंगी। डॉक्टर के चिकित्सा परामर्श के अनुसार एएनएम मरीजों को दवाई समेत अन्य चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कराएंगी। यानी अब इलाज कराने के लिए मरीजों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि सुविधाजनक तरीके से पूरी तरह मुफ्त ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। हर बुधवार और शुक्रवार को यह सेवा उपलब्ध रहेगी। जिला मुल्यांकन एवं अनुश्रवन पदाधिकारी शशि भूषण ने बताया की ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब घर बैठे ही बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज करा सकेंगे। मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने बताया कि इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है। टेलीमेडिसीन सेवा के तहत मरीजों के लिए 37 प्रकार की दवा उपलब्ध कराई गई है। डॉक्टर के दवा लिखे जाने के बाद ग्रीन चैनल के जरिये मरीजों तक निःशुल्क दवा पहुंचाई गई। आगे एचआईवी, हेपेटाइटिस व सिफलिस व गर्भवती की जांच से लेकर कोरोना का टीका भी ग्रीन चैनल के जरिये दिया जाएगा।

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