बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि।..
महागठबंधन के विरोध का मतलब विकास का विरोध – मनोज शर्मा
त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-देश में हर साल एक नया आईआईटी के निर्माण का विरोध, देश में हर साल एक नया आइआइएम का विरोध, देश में हर हफ्ते एक नया यूनिवर्सिटी का विरोध, देश में हर रोज 2 कॉलेज खोले जाने का विरोध, या फिर हर रोज एक नया आईटीआई का निर्माण का विरोध करके महागठबंधन पैदल भाजपा की सरकार का विरोध नहीं कर रहे यह देश के विकास का विरोध कर रहे हैं यह विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इनकी राजनीति जातिवाद, परिवारवाद, धर्मवाद, क्षेत्रवाद जैसे मुद्दो पर आधारित है। जबकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सिर्फ विकासवाद की राजनीति की है और विकास के एजेंडे को आत्मसाथ करते हुए पिछले 9 साल से देश में विकास किया गया है।
केंद्र की सरकार का 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम का विरोध करके जदयू और उनके घटक दलों ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें विकास की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उन्हीं सिर्फ राजनीति करनी है वह भी परिवारवाद वाली राजनीति, जातिवाद वाली राजनीति, क्षेत्रवाद वाली राजनीति, यह क्षेत्रीय दल कभी भी इन तमाम मुद्दों से ऊपर नहीं उठ सकते हैं जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने 9 वर्ष में देश में इतना परिवर्तन किया है कि व्यक्ति के विचार सकारात्मकता की ओर बढ़ रहे हैं।
विरोध करने वाले दलों को जरा अध्ययन करना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए कि देश में क्या कुछ हो रहा है। केंद्र की सरकार ने पिछले 9 साल में निम्नलिखित कार्य किए हैं। :-
# अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिये मोदी सरकार ने 2014 से 2023 तक के दौरान भारतीय GDP को वृद्धि की दिशा में ले जाने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की हैं। इस अवधि में, GDP वृद्धि की वार्षिक औसत दर अच्छी रही है। श्री नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तब भारत की जीडीपी 112 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी। आज भारत की जीडीपी 272 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत में विदेशी निवेश में 2014 से 2023 तक कुल 316 बिलियन डॉलर की राशि आई है। सड़कों, रेलवे लाइनों, विमानपत्तन, सड़क सुरक्षा और नगर निर्माण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स को शुरू किया गया है।
# नौकरी और रोजगार को लेकर Skill India कार्यक्रम के माध्यम से, मोदी सरकार ने युवाओं को उच्च कौशल और प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया है। इसके परिणामस्वरूप, 2014 से 2023 तक लगभग 12 करोड़ युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण मिला है। मुद्रा योजना के माध्यम से, लघु और मध्यम उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह नीति शिक्षा क्षेत्र में समग्र विकास, नवाचारी विचारधारा और आधुनिकीकरण के माध्यम से छात्रों को आदर्श मानव संसाधन (Ideal Human Resource) बनाने का लक्ष्य रखती है। यह नीति संगठनशीलता, गुणवत्ता, प्रभावी शिक्षण प्रणाली, और छात्रों की सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करती है।
# महंगाई को लेकर मोदी सरकार ने मुद्रा प्रबंधन को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनमें नोटबंदी का फैसला, जीएसटी के लागू होना, और निवेशकों के लिए आकर्षक निवेश आवासीय योजनाएं शामिल हैं। इन उपायों का परिणामस्वरूप, भारतीय महंगाई दर (CPI) में स्थिरता देखी जा रही है। मोदी सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दर में कई बार सुधार किए हैं। यह सुधार उत्पादों की कीमतों में स्थिरता और कटौती का कारण बना है। सरकार ने खाद्य वस्त्र और आवास क्षेत्र में भी कई पहल की हैं। गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई है। मोदी सरकार ने बैंकिंग सुविधाओं को गरीब और छोटे व्यापारियों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए कई उपाय अपनाए हैं। जैसे कि जन धन योजना, जन धन खाता, उद्यमी मंधन योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी योजनाएं। स्वास्थ्य और आयुष्मान भारत के तहत मोदी सरकार ने आरोग्य भारत योजना की शुरुआत की है।
# मोदी सरकार ने सुरक्षा,कृषि विकास,नागरिकता और कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया। निवेश और व्यापार, स्वास्थ्य सेवाएं, विदेशी नीति मजबूत किया और दूसरे देशों से व्यापारिक संबंध अपनी शर्तों पर लागू की। मोदी सरकार ने नमामि गंगे जैसी योजना को चलाकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी योगदान दिया। आर्थिक समरसता, महिला सशक्तिकरण, नया भारत, बिजली पहल योजना चलाकर पूरे भारत को एक सूत्र से जोड़ा और हर तबके में विकास किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक राजनीति पर एक मजबूत प्रभाव डाला है। उनकी नेतृत्व में भारत ने बहुत सारे वैश्विक मुद्दों पर अपना स्टैंड लिया है और विश्व में उच्च स्तर पर मान्यता प्राप्त की है।