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*जनता की शिकायतों के निवारण में आई तेजी।।…*

जिले की रैंकिंग में हुआ सुधार, दिसंबर 2020 में34 वां तथा फरवरी 2021 में 12 वें स्थान पर पटना जिला का हुआ रैंकिंग।*

*लोक प्राधिकारों की उपस्थिति में हुआ सुधार।*
83% से बढ़कर 86% हुई उपस्थिति ।

*लोक शिकायतों के नियत समय में निष्पादन की स्थिति में हुआ सुधार, परिवादी का प्रशासन के प्रति भरोसा एवं विश्वास में हुई वृद्धि ।*
जनवरी में 51%, वहीं मार्च में निष्पादन की स्थिति 85% हुआ।

*60 कार्य दिवस से अधिक दिनों से लंबित मामलों के निष्पादन में हुआ सुधार।*
778 मामलों से घटकर 125 मामले हुए।

*अब तक 30 लोक प्राधिकारों से₹34800 अधिरोपित दंड में से ₹11000 की हुई वसूली।*
शेष लोक प्राधिकारों से 1 सप्ताह के अंदर वसूली का निर्देश दिया गया अन्यथा विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।

*जिलाधिकारी द्वारा आज द्वितीय अपील की हुई सुनवाई।*

25 मामलों में 15 मामले निष्पादित,10 मामले की अगली तिथि का निर्धारण।सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का दंड अधिरोपित।

*त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-जिलाधिकारी ने सभी पीजीआरओ /लोक प्राधिकारों को जनता की शिकायतों के प्रति संवेदनशील एवं जवाबदेह होने तथा शिकायतों का ससमय निवारण का दिया निर्देश।*
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जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु संबंधित पदाधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठक आयोजित कर अनुमंडलवार मामले की गहनता से समीक्षा की गई जिसके फलस्वरूप शिकायतों के निवारण में तेजी आई है। उन्होंने सभी अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं लोक प्राधिकारों को परिवादी की शिकायतों के प्रति संवेदनशील एवं गंभीर होने तथा जवाबदेही से तय समय सीमा के भीतर परिवाद के निवारण का निर्देश दिया है। तदनुसार पटना जिला का राज्य स्तर के रैंकिंग में काफी सुधार परिलक्षित हुआ है। दिसंबर माह 2020 में पटना जिला का लोक शिकायत के मामले में 34 वां स्थान प्राप्त था जो फरवरी 2021 में 12वां स्थान पर आ गया है जो उल्लेखनीय उपलब्धि को दर्शाता है।

जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक के माध्यम से लोक शिकायत की सुनवाई में लोक प्राधिकारों को स्वयं अथवा मामले की जानकारी रखने वाले पदाधिकारी को प्राधिकृत कर रिपोर्ट के साथ सुनवाई में भेजने का निर्देश दिया । परिणाम स्वरूप लोक प्राधिकारों की उपस्थिति में सुधार परिलक्षित हुआ है। जनवरी 2021 में लोक प्राधिकारों की उपस्थिति जहां 83% थी वह मार्च 2021 में बढ़कर 86% हो गई है।

जनता की शिकायतों के नियत सीमा में निष्पादन की स्थिति में लगातार सुधार हुआ है। जहां जनवरी 2021 में शिकायतों के निष्पादन की स्थिति 51% थी वह मार्च 2021 में बढ़कर 85% हो गया। साथ ही 60 कार्य दिवस से अधिक दिनों से लंबित मामलों के निष्पादन में भी लगातार सुधार हुआ है। जहां ऐसे मामले 778 थे वह घटकर 125 हो गए हैं। इस प्रकार जनता की शिकायतों के निवारण के मामले में काफी तेजी आई है तथा जनता की समस्याओं के निष्पादन के प्रति प्रशासन सतत प्रयत्नशील एवं उन्मुख है।

*जिलाधिकारी द्वारा द्वितीय अपील में आज की गई सुनवाई*

जिलाधिकारी द्वारा अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में लोक शिकायत के द्वितीय अपील की सुनवाई की गई। इसके तहत पर कुल 25 मामलों में से 15 मामले का निष्पादन किया गया है तथा 10 मामले में सुनवाई के लिए आगे की तिथि का निर्धारण किया गया है। साथ ही सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है।

*सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को₹5000 का दंड अधिरोपित*

मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत लाभार्थी को लाभ देने में विलंब करने तथा लोक शिकायत निवारण के तहत जनता के परिवाद के प्रति लापरवाह रहने के कारण जिलाधिकारी द्वारा आज इस मामले में द्वितीय अपील के तहत सुनवाई के क्रम में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का अर्थदंड अभी रोहित किया है।
*मामला*
अपीलार्थी गिरजानंद सिंह प्रखंड धनरूआ अनुमंडल मसौढ़ी द्वारा मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत लाभ लेने हेतु द्वितीय अपील में मामला लाया गया। इस मामले को सबसे पहले जून 2019 में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय मसौढ़ी के समक्ष आवेदन दायर किया गया। उन्होंने 6 फरवरी 2020 को प्रखंड विकास पदाधिकारी धनरूआ को अपने स्तर से जिला एवं विभागीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर परिवाद के अविलंब निष्पादन करने का आदेश निर्गत किया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी धनरूआ को स्पष्ट आदेश निर्गत होने के बाद भी अभिलार्थी के शिकायत का निवारण नहीं हो पाया। जिलाधिकारी ने द्वितीय
अपील के तहत 2 फरवरी 2021 की सुनवाई में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को निर्देश दिया गया कि वे अपीलार्थी की शिकायत के संबंध में स्पष्ट जांच कर विलंब हेतु दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए अपीलार्थी के शिकायत का निवारण करें तथा 5 मार्च की सुनवाई में रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहे। _परिवादी द्वारा जून 2019 ई को पेंशन संबंधीआवेदन दिया गया था किंतु 1 मार्च 2021 को पेंशन की स्वीकृति दी गई है जो काफी विलंब से दिया गया है।_ सहायक निदेशक आज की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए एवं न ही कोई रिपोर्ट भेजा। अधिकारी की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा को ₹5000 का दंड अधिरोपित किया है। इसके अतिरिक्त उप विकास आयुक्त को इस मामले की जांच कर स्पष्ट प्रतिवेदन अपने मंतव्य के साथ समर्पित करने का निर्देश दिया है।

*मामला*
देवेंद्र राय ,ग्राम रानीपुर गंजपर, थाना मेंहदीगंज ने बिजली कनेक्शन भंग करने तथा बिजली बिल काफी अधिक 181287रू का परिवाद द्वितीय अपील में दायर किया गया। सुनवाई के क्रम में कार्यपालक अभियंता बिजली विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उपभोक्ता की शिकायत के आलोक में जांच उपरांत पाया गया है कि विद्युत विपत्र सही है। उनके ₹70309 के विलंब अधिभार को माफ कर दिया गया है तथा मीटर की रीडिंग के अनुरूप बिजली बिल ₹181287 होता है। उन्होंने बताया कि कंपनी का राजस्व संग्रहण मुख्य कार्य है एवं बकायेदार उपभोक्ता द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में उनका विद्युत संबंध है 28 नवंबर 2019 को वितरित कर दी गई है। उनका बिजली बिल 2016 से 2019 तक का बकाया है। जिलाधिकारी ने काफी विलंब कर विद्युत संबंध विच्छेद करने के कारण उपभोक्ता के बिजली बिल बढ़ने के दोषी दोषी को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तथा उपभोक्ता को बिजली बिल जमा करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली तिथि 26 मार्च निर्धारित किया गया है जिसमें कार्यपालक अभियंता अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी दानापुर एवं अनुमंडल पदाधिकारी दानापुर रिपोर्ट के साथ उपस्थित रहेंगे।

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