किशनगंज : जिले में टेलीकंस्लटेशन सेवा के लिये संचालित हुआ विशेष अभियान।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने पत्र जारी कर स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये जरूरी दिशा निर्देश।
- टेलीकंस्लटेशन से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में आसान हुई है जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच।
- जिले में अब तक कुल 80 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन का उठाया लाभ।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राज्य सरकार के सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को टेलीमेडिसिन सेवा के जरिये नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। पूर्व में ये सेवाएं सप्ताह में तीन दिन मिल पाती थी। अब ई संजीवनी ओपीडी सेवाएं हर दिन लोगों को उपलब्ध हो रही हैं। वहीं टेलीमेडिसिन सेवाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने व इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने हर महीने के पहले व तीसरे बुधवार को टेलीकंस्लटेशन से संबंधित विशेष अभियान संचालित करने का निर्देश जारी किया है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये हैं। इसी क्रम में बुधवार को जिले में टेलीकंस्लटेशन के लिये विशेष अभियान संचालित किया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर विभागीय स्तर से हर महीने के पहले व तीसरे बुधवार को विशेष अभियान संचालित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
प्राप्त निर्देश के आलोक में अभियान के संचालन व इसके प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि ई-संजीवनी एक वेब आधारित व्यापक टेलीमिडिसिन सेवा है। यह ग्रामीण क्षेत्र के वंचित समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराता है। उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे व मानव संसाधन की कमी की समस्या से निपटने में ये अचूक रूप से लाभकारी है। टेली मेडिसिन में चिकित्सा विशेषज्ञ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि एप के इस्तेमाल से मरीज इलाज के लिये अस्पताल आने की झंझट से मुक्त रहते हैं। लोग घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से अपने रोग के संबंध में जरूरी परामर्श ले सकते हैं। इससे आम लोगों को भीड़-भाड़ सहित अन्य वजहों से संक्रमण के खतरों का भी सामना नहीं करना पड़ता। अस्पताल आने-जाने की मजबूरी, लंबी कतार में खड़े रहने व चिकित्सक से समय लेने में होने वाली दिक्कतें स्वत: खत्म हो जाती है। जिले में फिलहाल 16 हब व 289 स्पोक्स स्थापित हैं। ज़िले में आरोग्य दिवस के दिन लगभग 500 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है। इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होती व समय की भी बचत होती है। टेली मेडिसिन सेवाओं के जरिये मरीज वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अपनी समस्या हब में बैठे चिकित्सकों के पास रख सकते हैं। चिकित्सकों से उन्हें उचित परामर्श व दवा का सुझाव दिया जाता है। उसके साथ उन्हें नि:शुल्क दवा भी दी जाती है।सिविल सर्जन ने बताया कि वीएचएसएनडी सत्र के दौरान अब ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसिन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों की लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसिन काफी सुविधाजनक साबित हुआ। सदर प्रखंड समेत जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था। लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है। लाभार्थी महिलाओं को अब चिकित्सीय परामर्श के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब वो ई-टेलीमेडिसिन के मध्यम से ऑनलाइन चिकित्सकों को अपनी बीमारी और परेशानियों से अवगत कराकर उचित परामर्श और इलाज ले रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अबतक कुल 80 हजार से अधिक लोगों ने ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाया है।