प्रमुख खबरें

भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों का किया जाएगा कौशल उन्नयन

– 15 दिनों के प्रशिक्षण में दी जाएगी तकनीक और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की ट्रेनिंग
– श्रमिकों के हुनर को और अधिक बेहतर बनाने के लिए पूर्वाजित ज्ञान प्रमाणन संवेदीकरण कार्यक्रम का किया गया आयोजन
– युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने हेतु आईटीआई के थीम सॉंग का किया गया लोकार्पण

त्रिलोकी नाथ प्रसाद।बिहार सरकार ने राज्य में भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों का जीवनस्तर बेहतर बनाने की एक बड़ी पहल की है। इसके लिए श्रम संसाधन विभाग द्वारा गुरुवार को सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में “पूर्वाजित ज्ञान प्रमाणन (आरपीएल) संवेदीकरण कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को एक ही छत के नीचे बार बेंडिंग, इलेक्ट्रीशियन, राजमिस्त्री, पेंटिंग, प्लंबिंग और शटरिंग कारपेंट्री जैसे ट्रेड में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की है। वहीँ, कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से आईटीआई का थीम सॉंग भी लॉन्च किया गया है।
इस संवेदीकरण कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कौशल मान्यता और विकास के जरिये न केवल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुधारी जा सकती है, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार किया जा सकता है। आरपीएल जैसे कार्यक्रम श्रमिकों की आत्मनिर्भरता, कार्य संतोष और उत्पादकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव सुनील कुमार यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपर श्रमायुक्त आदित्य राजहंस, उप श्रमायुक्त रोहित राज सिंह, आप्त सचिव हरि शंकर समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने इस कार्यक्रम में प्रदर्शित मॉडल का निरीक्षण किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में बीओसीडब्लू बोर्ड के सचिव सुनील कुमार यादव ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके कौशल की पहचान दिलाना और उन्हें मान्यता प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि कौशल की कमी श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाती है। इसलिए उनका कौशल उन्नयन अत्यंत आवश्यक है। आरपीएल के तहत श्रमिकों को उनके मौजूदा कौशल का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्हें ‘अपस्किलिंग’ और ‘रीस्किलिंग’ के लिए ब्रिज कोर्स की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशिक्षण पार्टनर्स को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्यक्रम संचालित करने का कार्य सौंपा जाएगा, जिसमें प्रत्येक बैच का आकार न्यूनतम 10 और अधिकतम 100 श्रमिकों का होगा।
उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत श्रमिकों को कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण देने की योजना है और कार्य दिवस में काम न करने की वजह से उन्हें होने वाली हानि की प्रतिपूर्ति दैनिक भत्ता के रूप में की जाएगी। कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के श्रमिकों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें बोर्ड की 16 कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार ने कहा कि आरपीएल के तहत औपचारिक शिक्षा प्रक्रिया से बाहर अर्जित कौशल और ज्ञान का आकलन कर औपचारिक मान्यता दी जाती है। यह व्यवस्था न केवल समय और संसाधन की बचत करती है, बल्कि श्रमिकों को बिना अतिरिक्त प्रशिक्षण लिए ही योग्यता प्रमाणपत्र दिलाती है। आलोक कुमार ने आगे कहा कि आरपीएल से श्रमिक अपने कौशल की कमियों को पहचान सकते हैं, जिससे उन्हें पेशेवर विकास और आजीवन सीखने का अवसर मिलता है। मान्यता प्राप्त योग्यता वाले श्रमिकों की नौकरी अधिक सुरक्षित होती है और वे विभिन्न नौकरियों में उपयोगी प्रमाणपत्र के साथ वैश्विक स्तर पर भी अपने लिए अवसर तलाश सकते हैं। इस कार्यक्रम का लाभ लेने वाले श्रमीकों के लिए प्रशिक्षण अवधि में 80 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रखी गई है। कार्यक्रम का स्वागत भाषण उप श्रमायुक्त रोहित राज सिंह ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन उप श्रमायुक्त मनीष कुमार ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
error: Content is protected !!