किशनगंज की सिद्धि को मिला नया जीवन, ‘बाल हृदय योजना’ बनी गरीब परिवार के लिए जीवनदायिनी
IGIMS पटना में हुआ सफल ऑपरेशन, अब मुस्कुरा रही है तीन वर्षीय बच्ची

किशनगंज,15जुलाई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, किशनगंज के तांती बस्ती निवासी एक साधारण दिहाड़ी मजदूर रूपेश कुमार बसाक की तीन वर्षीय बेटी सिद्धि कुमारी के जीवन में अंधकार उस वक्त छा गया जब बार-बार बीमार पड़ने पर पता चला कि वह Congenital Heart Disease (CHD) — यानी जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है। दिल में छेद होने की पुष्टि के बाद परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन सरकार की “बाल हृदय योजना” इस परिवार के लिए नई उम्मीद और नई जिंदगी लेकर आई।
IGIMS पटना में हुआ सफल इलाज
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि सिद्धि को 9 जुलाई को पटना के लिए रेफर किया गया था, और 11 जुलाई को IGIMS, पटना में डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया के तहत सफल ऑपरेशन किया गया। पूरी व्यवस्था — यात्रा, इलाज, ठहराव, भोजन — नि:शुल्क जिला स्वास्थ्य समिति, किशनगंज द्वारा की गई।
‘हमने सपना भी नहीं देखा था, जो सच हो गया’ — पिता की भावुक प्रतिक्रिया
सिद्धि के पिता रूपेश कुमार ने कहा, “हमने तो कभी सोचा भी नहीं था कि इतना महंगा इलाज मुमकिन होगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मदद से जैसे चमत्कार हुआ। हमारी बेटी अब फिर से हँसती-खेलती है। हम तहे दिल से सरकार और डॉक्टरों के आभारी हैं।”
स्वास्थ्य विभाग की तत्परता बनी जीवनदायिनी
इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK), जिला स्वास्थ्य समिति और स्वास्थ्य विभाग की एकजुट मेहनत है। सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने कहा, “हर बच्चे को जीने का अधिकार है। हम ऐसे बच्चों की पहचान कर समय पर रेफर कर रहे हैं ताकि कोई बच्चा इलाज के अभाव में जान न गंवाए।”
जिलाधिकारी का संदेश: योजना का लाभ सभी ज़रूरतमंदों तक पहुँचे
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “बाल हृदय योजना गरीबों के लिए वरदान है। सिद्धि की कहानी यह साबित करती है कि जब इच्छाशक्ति हो और विभागीय समन्वय हो, तो किसी भी बीमारी को हराया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर ऐसे मामलों की पहचान कर समयबद्ध कार्रवाई की जा रही है।
22 बच्चों को मिल चुका है योजना का लाभ
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनाजिम ने बताया कि जिले में अब तक 22 बच्चों को इस योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज मिल चुका है। आशा कार्यकर्ता, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर जरूरतमंद बच्चों की पहचान, केस संकलन और रेफरल सुनिश्चित कर रही है।
मुफ़्त सेवा: इलाज से लेकर आश्रय तक सब कुछ नि:शुल्क
सिद्धि के माता-पिता ने बताया कि उन्हें IGIMS तक वाहन सुविधा, ठहरने का स्थान, भोजन, दवाइयां — सब कुछ बिना किसी खर्च के मिला। “यह एक सपने जैसा था, जो अब हमारी बेटी की मुस्कान में बदल चुका है।”
बाल हृदय योजना क्या है?
- जन्मजात हृदय रोग (CHD) से पीड़ित बच्चों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल।
- पहचान से लेकर ऑपरेशन तक सभी सेवाएं नि:शुल्क।
- यात्रा, ठहराव, भोजन तक की व्यवस्था सरकार द्वारा।
- किशनगंज में योजना का सफल क्रियान्वयन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के माध्यम से।
गौर करे कि सिद्धि की कहानी केवल एक बच्ची की चिकित्सा सफलता नहीं, बल्कि सरकार, समाज और सेवा भावना की सामूहिक जीत है। जब योजना ज़रूरतमंद तक पहुँचती है — तभी उसका वास्तविक प्रभाव दिखाई देता है।
“बाल हृदय योजना — हर मासूम दिल के लिए नई धड़कन, नई ज़िंदगी”