किशनगंज : हिंदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी सह निबंध लेखन प्रतियोगिता का किया गया आयोजन
हिंदी हमारी मातृभाषा होने से इससे जुड़ाव लगता है, परंतु अंग्रेजी में जुड़ाव महसूस नहीं होता है: श्रीकांत शास्त्री
किशनगंज, 14 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में हिंदी दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को समाहरणालय सभागार में संगोष्ठी सह निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीएम के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर करते हुए सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं गई। संगोष्ठी के आयोजन के पूर्व बिहार गीत का वादन कर राज्य के प्रति सम्मान प्रकट किया गया। डीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है। इसे राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है। हिंदी भाषा सभी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है। हिंदी हमारी मातृभाषा होने से इससे जुड़ाव लगता है,परंतु अंग्रेजी में जुड़ाव महसूस नहीं होता है। कई मंचो से माननीय मुख्यमंत्री ने भी हिंदी में वार्तालाप करने और इसके प्रसार के संकल्प को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आज भी शुद्ध हिंदी का प्रयोग नहीं होना चिंताजनक है, परंतु वर्तमान में लोगो में हिंदी के प्रति प्रेम बढ़ा है और इसका काफी प्रसार हुआ है। डीएम ने हिंदी भाषा के प्रति अपने अनुभव साझा करते हुए निजी विद्यालयों में अंग्रेजी के प्रचलन और लोगो को उससे गौरवान्वित होने पर निराशा जताई। कहा कि अब न्यायालय में भी हिंदी का प्रचलन बढ़ा है और हिंदी भाषा अविरल रूप से बढ़ रही है। सभी को अपने परिवार में हिंदी का प्रयोग करते हुए इसके प्रसार का संकल्प लेना चाहिए। उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हिंदी अनुवाद की भाषा नहीं रहे, हमे संकल्प लेना होगा और इसके प्रसार को बढ़ाने हेतु वार्तालाप में हिंदी प्रयोग पर जोर देना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए हिंदी साहित्य और शिक्षा में हिंदी भाषा प्रचलन पर प्रकाश डाला। समारोह में जिला के हिंदी प्रेमी, हिंदी जानकर विद्वान को भी आमंत्रित किया गया था। सजल साहा, प्रोफेसर मारवाड़ी कॉलेज (हिन्दी विभागाध्यक्ष) ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हमें औपनिवेशिक काल से बाहर आकर अपनी संस्कृति की ओर लौटना होगा। नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए हिंदी को कई भाषाओं को आत्मसात करने वाली भाषा बताते हुए हिंदी प्रयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। हिंदी प्रेमी सेवानिवृत शिक्षक हरी प्रसाद ने कहा कि हिंदी साहित्य में शब्दो का भंडार है, हमें शुद्ध हिंदी बोलने और लिखने की आदत डालनी होगी। एडी सीपीयू, रविशंकर तिवारी ने हिंदी की विविधता को बतलाया। जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष गुप्ता ने हिंदी के राजभाषा और प्रसार के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों अनुच्छेद 343 और 351 को बतलाया और इसे दिल की गहराइयों की भाषा कहा। एसडीएम अमिताभ कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा को विविधताओं में भी संवाद स्थापित करने के कारण सभी भाषाओं का सूत्र बताया और उसे रोजगार की भाषा बनाने पर जोर दिया। संगोष्ठी में आरके साहा महिला महाविद्यालय की शिक्षिका ने साहित्य में हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित कर कविता सुनाया। कार्यक्रम का संचालन वरीय उप समाहर्त्ता रंजीत कुमार ने करते हुए संगोष्ठी को आगे बढ़ाया और राजभाषा हिंदी के इतिहास पर प्रकाश डाला। हिंदी दिवस समारोह में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उपरांत सहमति से निबंध लेखन का विषय “राष्ट्रीय एकीकरण में हिंदी भाषा का महत्व” रखा गया। इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में लिपिक, प्रधान लिपिक के अतिरिक्त जिला स्तरीय कार्यालय के कई कर्मी ने भाग लिया। डीएम ने सभी प्रतिभागियों को 300-500 शब्दो में निबंध लेखन हेतु ब्रीफिंग कर शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रतियोगिता को प्रोत्साहन का तरीका बताया ताकि हिंदी लेखनी को बढ़ाया जा सके। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त कर्मियो को जिला स्तरीय युवा उत्सव पर 16 सितंबर को पुरस्कृत किया जाएगा। समारोह में हिंदी के विद्वान, जानकर लोगो के द्वारा भाग लिया गया। विभागीय निर्देश के आलोक में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया है।