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किशनगंज : खनन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला मामले में 21 नामजद में से सिर्फ एक गिरफ्तार, बाकी सब फरार

क्या बालू माफियाओं को किसी राजनीतिक सफेदपोश का है संरक्षण प्राप्त ?

  • किशनगंज में इससे पूर्व भी खनन विभाग की टीम पर हो चुका है बालू माफियाओं द्वारा हमला
  • आखिर इन बालू माफियाओं को किनका संरक्षण प्राप्त है उच्च स्तरीय जांच का विषय

किशनगंज, 10 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिले में बीते दिन अवैध बालू खनन और भंडारण के विरुद्ध छापेमारी करने गई खनन विभाग की टीम पर बालू माफियाओं द्वारा जानलेवा हमला किया गया। सूत्र से प्राप्त वीडियो में देखा जा रहा है कि खनन विभाग की टीम को लाठी डंडे से दौड़ा दौड़ा कर पीटा जा रहा है वीडियो देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे कि आखिर किशनगंज में बालू माफियाओं का इतना उत्पाद कैसे आखिर नियम कानून को ताक पर रखते हुए अवैध बालू खनन भी करते हैं और जब छापेमारी के लिए विभागीय टीम पहुंचती है तो उसी पर जानलेवा हमला भी कर दिया जाता है। मामले को लेकर विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लिखित आवेदन में कहा गया है कि 05 दिसंबर को कार्यालय में प्रतिनियुक्त गृह रक्षक बल एवम खनिज विकास पदाधिकारी, किशनगंज के साथ खान निरीक्षक उमा शंकर सिंह के नेतृत्व में अपने सरकारी वाहन से अवैध खनन परिवहन एवं भंण्डारण की रोक थाम हेतु पोठिया थाना अन्तर्गत चामरानी बालूघाट पर लगभग 3 बजे अपराह्न में पहुंचे। छापेमारी दल को देखते ही सभी ट्रैक्टर के चालक ट्रौली छोड़कर भाग गये। तत्पश्चात् इसकी सूचना दूरभाष पर संबंधित थानाध्यक्ष को दी गई। 10-15 मिनट बाद लगभग 20 से 25 की संख्या में अज्ञात लोगों द्वारा छापेमारी दल के वाहन को रोककर प्रशासन के विरूद्ध गाली-गलौज करने लगे तथा झाड़ी में घात लगाकर छिपे 10-15 द्वारा छापेमारी दल पर गाली-गलौज करते हुये लाठी डंडे एवं ईंट-पत्थर से अचानक हमला कर दिया गया। जिससे सभी गार्ड एवं खान निरीक्षक उमा शंकर सिंह को गम्भीर चोटे आयी है। तत्पश्चात् इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई। सभी घायल व्यक्ति को जिला सदर अस्पताल, किशनगंज में लाकर उपचार कराया गया। ये सभी दबंग प्रवृति एवं राजनितिक पहुंच वाले व्यक्ति है। विदित हो की वर्त्तमान में किशनगंज जिला अन्तर्गत किसी भी बालूघाट से बालू उत्खनन कार्य हेतु किसी भी व्यक्ति या किसी संस्थान को कार्यादेश निर्गत नहीं किया गया है। मामला को लेकर पोठिया थाना में 21 नामजद लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। नामजद लोगों में मनीरूल हक, पिता-महताब, बादल, पिता-महताब, आजीजुल, पिता-महताब, सुख्खा अली, पिता-ईजानुल अली, इनामुल हक, पिता-सुकुरदी, सईदुर, पिता-सुकुरदी, कासिम, कादिर, रिजाउल, सुफियान, अरजाउल, गुलाब, नुतफुल, मंजर, पिता-इसहाक, ग्राम-बिणी बाड़ी देवी चौक, मतिर्जर, पिता-नजामद्दीन, सा०-हाजी चौक, इजाउल, पिता-नजामुद्दीन, मनरूल, बबलू, पिता-दर्शन, ग्राम-समटिया, जाहूल आलम, ग्राम-हल्दीबाड़ी, कौशर पिता-कासमु, ग्राम-सेटाबाड़ी, अजीजुल, पिता-तारामुल, ग्राम-मिर्जापुर, पोठिया। जिसका थाना कांड संख्या 262/23 है। मामले में नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी पुलिस द्वारा किया जा रहा है। पोठिया थानाध्यक्ष निशाकांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले में पुलिस ने एक आरोपी इनामुल हक पिता-सुकुरदी को गिरफ्तार किया है। पर सवाल यहां यह उठता है कि आखिर इन बालू माफियाओं को इतनी हिम्मत कहा से आती है की वे खनन विभाग की टीम पर हमला कर देते है और रक्षा बल को दौड़ा दौड़ा कर पीटते है। क्या सच में इन लोगों को राजनीति संरक्षण प्राप्त है ? वही विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है कि बालू माफियाओं का नाम एफआईआर से हटाने की चर्चा हो रही है। पर विचार करने वाली बात यह है कि अगर प्रसाशन इन बालू माफियाओं पर कार्रवाई नहीं करेगी तो इन माफियाओं का मन और बढ़ जाएगा और दिन दहाड़े बालू घाटों पर नियम के विरुद्ध अवैध खनन करेंगे और विभागीय टीम छापेमारी करने या कार्रवाई करने जाएगी तो उन पर हमला करेगा। अगर कोई अनहोनी हो जाएगी तो इसका जिम्मेवार कौन होगा जो दिन रात एक किये हुए है इन माफियाओं को बचाने के लिए।

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